हमीरपुर में कुत्ते की कस्टडी पर बवाल… दो परिवारों ने जताया मालिकाना हक,
पुलिस ने डॉक्टर की मदद से सुलझाया विवाद
11 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां दो परिवार एक ही पालतू कुत्ते पर अपना मालिकाना हक जताने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को बीच में आना पड़ा और आखिरकार कुत्ते की कस्टडी तय करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया गया। पुलिस ने कुत्ते को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की, और अंत में डॉक्टर की मदद से असली मालिक का पता लगाया गया।
कुत्ते को लेकर थाने पहुंचा विवाद मामला कुंडौरा गांव का है, जहां किसान श्रीपत कुशवाहा का लेब्राडोर नस्ल का पालतू कुत्ता अचानक गायब हो गया था। खोजबीन के बाद पता चला कि सुमेरपुर कस्बे के रहने वाले घनश्याम यादव ने कुत्ते को अपने साथ ले लिया है। जब श्रीपत को यह बात पता चली तो उन्होंने तुरंत पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने घनश्याम को बुलाया, तो उसने दावा किया कि वह कुत्ता उसी का है और करीब 15 दिन पहले लापता हो गया था। घनश्याम के अनुसार, किसी ने बताया कि उसका कुत्ता कुंडौरा गांव में देखा गया है, जिसके बाद वह वहां गया और कुत्ते को पहचानकर घर ले आया।
पुलिस ने अपनाया अनोखा तरीका अब दोनों ही परिवार कुत्ते को अपना बताने लगे, जिससे पुलिस असमंजस में पड़ गई। तय करने के लिए कि कुत्ता किसका है, पुलिस ने उसे खुला छोड़ दिया और दोनों परिवारों को एक-एक कर बुलाने को कहा। पहले घनश्याम यादव ने भूरा कहकर पुकारा, तो कुत्ता दौड़कर उसके पास गया। लेकिन जब श्रीपत कुशवाहा ने भी भूरा कहकर बुलाया, तो वह उनके पास भी चला गया। यह देखकर पुलिस और मौजूद भीड़ दोनों हैरान रह गईं कि कुत्ता दोनों को ही पहचानता है।
डॉक्टर की पहचान पर सुलझा मामला इस विवाद को सुलझाने के लिए पुलिस ने उस पशु चिकित्सक को बुलाया, जिसने कुत्ते को पहले रैबीज का टीका लगाया था। डॉक्टर ने जांच के बाद पुष्टि की कि यह कुत्ता घनश्याम यादव का है। इसके बाद पुलिस ने कुत्ते को घनश्याम को सौंप दिया। थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सबूतों और डॉक्टर की पहचान के आधार पर निर्णय लिया गया।