पढ़ाई नहीं, सिर्फ मस्ती करने आते हो… टीचर की बात सुनते ही भड़क गए छात्र,
मौके पर पहुंची पुलिस, वरना बढ़ सकता था हंगामा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मंडी समिति के पीछे एकता कॉलोनी स्थित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय स्कूल गुरुवार को उस समय सुर्खियों में आ गया जब दर्जनों छात्र-छात्राओं ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। छात्रों ने न सिर्फ कक्षाओं में बवाल खड़ा किया बल्कि स्कूल के बाहर धरने पर बैठकर नारेबाजी भी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि स्कूल में पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो रही है, जबकि बोर्ड परीक्षा नजदीक है। इसके साथ ही उन्हें परोसा जाने वाला खाना बेहद खराब गुणवत्ता का है, जो कई बार खाने योग्य भी नहीं होता।
शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप
छात्र-छात्राओं का कहना है कि समस्या सिर्फ पढ़ाई और भोजन तक सीमित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शिक्षक उनके साथ बेहद खराब व्यवहार करते हैं और उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया जाता है। छात्रों का कहना है कि इस तरह की बातें उनके आत्मविश्वास को तोड़ती हैं और पढ़ाई पर बुरा असर डालती हैं। उनका आरोप है कि जब भी वे अपनी समस्याएं उठाते हैं, उन्हें चुप करा दिया जाता है या डांट दिया जाता है।
पहले भी की गई शिकायतें
छात्रों ने बताया कि यह मामला नया नहीं है। कई बार उन्होंने खाने की गुणवत्ता और शिक्षकों के व्यवहार को लेकर शिकायतें कीं, लेकिन स्कूल प्रशासन ने हर बार उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया। उनकी मांग थी कि स्कूल प्रबंधन इस पर ध्यान दे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। गुरुवार को सब्र टूटने के बाद छात्रों ने कक्षाएं छोड़कर बाहर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान वहां भारी अफरा-तफरी का माहौल बन गया और आसपास के लोग भी मौके पर इकट्ठा हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिस
धरने पर बैठे छात्रों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे स्कूल नहीं जाएंगे और आंदोलन जारी रहेगा। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को शांत करने की कोशिश की। पुलिस ने उनसे अपील की कि वे अपनी शिकायतें लिखित में दें ताकि जांच कर कार्रवाई की जा सके। हालांकि देर शाम तक छात्र धरने पर डटे रहे और प्रबंधन व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। फिलहाल यह विवाद तूल पकड़ता जा रहा है और अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि स्कूल प्रशासन और जिला प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाते हैं। इस घटना ने एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में छात्रों के साथ हो रहे व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।