पानीपत में पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी पकड़ी, ड्राइवर बर्खास्त और ESI सस्पेंड,
यूपी बॉर्डर पर 300, 400 रुपए वसूली का VIDEO हुआ वायरल
15 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Haryana Police Corruption: हरियाणा के पानीपत में पुलिसकर्मियों द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो सामने आने के बाद एसपी भूपेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई की है। वायरल वीडियो में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के ड्राइवर हीरा लाल को बर्खास्त और ESI सूबे सिंह को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच समालखा के DSP नरेंद्र सिंह को सौंपी गई है। एसपी ने कहा कि शिकायत मिलने पर रिश्वतखोरी के आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कैंटर ड्राइवरों से भी संपर्क साधा है।
हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर पुलिस की अवैध वसूली का खुलासा
दरअसल, यह मामला हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर एक पशु मेले में भैंस लेकर जा रहे ड्राइवरों के साथ पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का है। गोरक्षकों ने बताया कि यूपी बॉर्डर से 2 किलोमीटर पहले पुलिस ने हर गाड़ी से 300 रुपए लिए। इसके बाद टोल प्लाजा पार करने के बाद 150 मीटर दूर डायल 112 के कर्मचारी फिर 300 रुपए मांगने लगे। ड्राइवरों के पास पैसे न होने पर पुलिस ने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दोगे तो भैंसों को गाय बना देंगे। अंत में 3 गाड़ियों से 100-100 रुपए लेकर उन्हें यूपी में प्रवेश दिया गया। इस पूरी कार्रवाई का वीडियो गोरक्षकों ने स्टिंग ऑपरेशन के तहत बनाया।
पुलिस की अवैध वसूली का गोरक्षकों ने बनाया वीडियो
गोरक्षा दल के दीपक और मंथन शर्मा ने बताया कि ईद के दौरान जिले में विशेष निगरानी के बीच उन्हें गोवंश तस्करी की सूचना मिली। उन्होंने टोल प्लाजा पर नाकाबंदी कर कैंटरों को रोका, जिनमें भैंसे भरी थीं। ड्राइवरों ने बताया कि वे यूपी के एक पशु मेले में भैंस लेकर जा रहे हैं, लेकिन उनके पास कागजात नहीं थे। उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस को पैसे देकर वे यहां तक पहुंचे हैं और आगे भी पैसे देने होंगे। यह सुनकर गोरक्षकों ने पुलिस की अवैध वसूली को उजागर करने की योजना बनाई। वे अलग-अलग कैंटरों में बैठकर रिश्वतखोरी का वीडियो बनाया। दीपक ने बताया कि पहले सनौली थाना के पास नाके पर 300 रुपए दिए फिर टोल प्लाजा के बाद डायल 112 की टीम ने भी 300 रुपए मांगे। ड्राइवरों के पैसे न होने पर पुलिस ने धमकी दी और बाद में 100-100 रुपए लेकर उन्हें यूपी भेज दिया।
DSP सतीश वत्स ने वीडियो की मिलने की पुष्टि
इस वीडियो के बाद DSP सतीश वत्स ने कहा कि वीडियो उनके पास एक अज्ञात नंबर से आया है, लेकिन शिकायत नहीं मिली। लिखित शिकायत आने पर जांच की जाएगी और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह मामला पानीपत पुलिस की अवैध वसूली और रिश्वतखोरी के खिलाफ बड़ा सबूत है, जिसने पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।