गाजियाबाद में हाइटेक कार चोर गिरोह का पर्दाफाश, ऑन डिमांड चोरी होती थीं गाड़ियां,
4 बदमाश गिरफ्तार
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की क्राइम ब्रांच और स्वॉट टीम ने वाहन चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से चोरी की सात कारें, अवैध असलहा और वाहन चोरी में इस्तेमाल किए जाने वाले हाईटेक उपकरण भी बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक यह गैंग पूरे देश में फैला हुआ है और कारों को ऑन डिमांड चोरी करके बेचने का काम करता था। गैंग चोरी की गाड़ियों को सेल-परचेज वालों के जरिए 65 हजार से एक लाख रुपये में बेच देता था और बाद में फर्जी कागजात बनवाकर ग्राहकों तक पहुंचा दिया जाता था।
इस तरह पहुंची पुलिस तक गैंग की जानकारी
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि 8 अप्रैल को लिंक रोड थाने में कार चोरी का एक मामला दर्ज हुआ था। उस समय पुलिस ने कार को लावारिस हालत में बरामद किया था। इसके बाद लगातार जांच के दौरान 31 अगस्त की रात स्वॉट टीम और लिंक रोड थाना पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो चोरों फारूख सलमानी और शाहनवाज को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इन दोनों ने गैंग के अन्य सदस्यों और छिपाई गई कारों के बारे में जानकारी दी।
चार और बदमाश गिरफ्तार, सात कारें मिलीं
इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने सोमवार सुबह डाबर तिराहा के पास से चार और बदमाशों चांद, सूफियान, उवैश और ब्रजमोहन को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर चोरी की गई सात कारें बरामद हुईं, जिन पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। पुलिस ने उनके पास से एक कार के मालिक के आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी पाई, जिसे कागजात फर्जी बनाने के लिए रखा गया था।
गिरोह का सरगना और उसका आपराधिक इतिहास
एडीसीपी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना फारूख सलमानी है। वह पहले भी शराब तस्करी में कई बार जेल जा चुका है। मोदीनगर, निवाड़ी, मुरादनगर, कविनगर, विजय नगर, इंदिरापुरम, हापुड़ देहात, हरिद्वार और सोनीपत समेत कई जगहों से उसके खिलाफ केस दर्ज हैं। उस पर वाहन चोरी और शराब तस्करी के करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।
मारुति कारों को ही ज्यादा निशाना बनाता था गैंग
जांच में पता चला है कि सलमानी का गैंग ज्यादातर मारुति कंपनी की कारों को ही निशाना बनाता था। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर, अलीगढ़ और आस-पास के राज्यों में सक्रिय था। गिरफ्तार बदमाशों में चांद और शाहनवाज ड्राइवर का काम करते थे, जबकि सूफियान, उवैश और ब्रजमोहन चोरी की कारों को रिसीवर तक पहुंचाने का काम करते थे। पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और झारखंड तक कारें बेच चुका है।