क्या IAS अभिषेक प्रकाश के नाम है सैकड़ों बीघा जमीन?
जांच में सामने आ चुका है बड़ा सच, जानें क्या?
2 months ago
Written By: STATE DESK
लखनऊ: इनवेस्ट यूपी के पूर्व सीईओ एवं रिश्वतखोरी के आरोपों में निलंबित हुए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सतर्कता विभाग ने 2022 में ही क्लीन चिट दे रखा है। अभिषेक प्रकाश पर लखीमपुर, अलीगढ़ और बरेली में बतौर जिलाधिकारी रहते हुए सैकड़ों बीघे जमीन अर्जित करने के भी आरोप लगे थे।
अभिषेक के खिलाफ हुई थी शिकायतें
बतादें कि आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ तत्कालीन सांसद वीरेंद्र सिंह एवं आगरा निवासी आरकेपी सिंह ने संयुक्त रूप से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में शिकायत की थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच कराई थी। जांच में सभी प्रकार के आरोप निऱाधार पाए गए थे। 28 जनवरी 2022 को उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव श्रीहरि प्रताप शाही ने सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को लिखे पत्र में अगवत कराया था कि उक्त जिलों में अभिषेक प्रकाश की तैनाती अवधि के दौरान उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की जांच कराई गई। जाचोंपरांत आरोप प्रमाणित नहीं हो सका। इसलिए शासन ने इस प्रकरण को निक्षेपित कर दिया।
कौन हैं अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के आईएएस अफसर हैं। साल 1982 में जन्मे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह सचिव आईडीसी विभाग और सीईओ इंवेस्ट यूपी का चार्ज संभल रहे थे। उन्होंने वर्ष 2000 से 2004 के बीच आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की है। इसके बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया। अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। हाल ही में उनके खिलाफ सरकार ने इन्वेस्ट यूपी में कारोबारियों से रिश्वत मांगने के आरोप में कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है।
डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में भी नाम
अभिषेक प्रकाश लखनऊ में जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। उनके समय लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ। शिकायत के आधार पर राजस्व परिषद की एक टीम बनाकर इस मामले की जांच कराई गई। इसमें अभिषेक प्रकाश समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम आया। बताते हैं कि नियमों को ताख पर रखकर मुआवजा बांटा गया। राजस्व परिषद ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेज रखा है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही अभिषेक प्रकाश के ऊपर कार्रवाई हो सकती है।
लखीमपुर खीरी में रहने के दौरान भी चर्चा में आए
अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी में जब डीएम थे,तब भी उन पर कई आरोप लगे थे। लखनऊ का डीएम बनकर आने के बाद लखीमपुर खीरी में उनके द्वारा किए गए कारनामों की चर्चाएं आम हुई थीं, लेकिन मामले को दबा दिया गया। उस समय अभिषेक प्रकाश को काफी प्रभावशाली माना जा रहा था।
कोरोना काल में भी लगे थे लापरवाही के आरोप
कोरोना काल के दौरान अभी अभिषेक प्रकाश चर्चा में आए थे। अस्पतालों की मनमानी के आरोप लगे थे। उसी समय अभिषेक को कोरोना होने पर लखनऊ की मौजूदा मंडलायुक्त रोशन जैकब को प्रभार देकर स्थितियां सामान्य कराई गई थीं। अभिषेक प्रकाश द्वारा लखनऊ में डीएम रहते हुए एक स्कूल के खिलाफ मनमाने तरीके से की गई कार्रवाई भी खूब चर्चाओं में रह चुकी है।