गाजीपुर में चौंकाने वाली घटना...महिला ने छोड़ा पांच साल का बेटा और तीन साल की बेटी, भतीजे संग रचाई शादी,
पति ने खुद डलवाया सिंदूर
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
गाजीपुर के संदल गांव में एक हैरान करने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी है। एक विवाहिता ने अपने पांच वर्षीय बेटे और तीन वर्षीय बेटी को छोड़कर अपने ही भतीजे के साथ सात फेरे ले लिए। यह अनोखा विवाह खानपुर थाना परिसर स्थित हनुमान मंदिर में ग्राम प्रधान, परिवार और गांव के संभ्रांत लोगों की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ।
पत्नी की जिद के आगे झुका पति, मंदिर में करवाई शादी
घटना के अनुसार, मेहनत-मजदूरी करने वाले पति को दो महीने पहले अपनी पत्नी के प्रेम संबंधों की जानकारी मिली थी। पहले तो उसने पत्नी और उसके प्रेमी, जो कि उसका भतीजा भी है, दोनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। करीब 15 दिन पहले प्रेमी युगल घर छोड़कर फरार हो गया। पति की शिकायत पर पुलिस ने दोनों को ढूंढकर घर वापस लाया, लेकिन विवाहिता ने साफ कह दिया कि वह प्रेमी के बिना नहीं रह सकती। समाज और परिवार के कड़े विरोध के बावजूद उसने भतीजे से शादी करने की जिद पकड़ ली। अंततः पति ने मजबूरी में खुद अपनी पत्नी की मांग में प्रेमी से सिंदूर डलवाया।
बेटे-बेटी को छोड़कर चली गई मां, टूटा परिवार
वहीं बताया जा रहा है कि, युवक की पत्नी के इस फैसले ने परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है। पांच साल का बेटा और तीन साल की बेटी अपनी मां से दूर हो गए हैं। पति ने कहा, “जिसे प्रेमी पति और बच्चों से ज्यादा प्रिय हो, उसे घर में रखना असंभव था। अनहोनी के डर से मैंने उसे आजाद कर दिया।” स्थानीय लोग इस घटना को पारिवारिक मूल्यों पर गहरी चोट मान रहे हैं। गांव में इस घटना की चर्चा हर तरफ हो रही है।
समाजशास्त्रियों की नजर में बड़ी चुनौती
वहीं इस मामले पर पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज यादव का कहना है कि यह घटना प्रेम, विवाह और पारिवारिक जिम्मेदारियों की धुंधली होती सीमाओं को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि आजकल समाज में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे पारिवारिक ढांचा कमजोर हो रहा है। पंकज यादव के मुताबिक, “यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों की टूटन का संकेत है। सवाल यह है कि क्या प्रेम के लिए परिवार और बच्चों की भावनाओं को दरकिनार करना सही है?”
गांव में मची हलचल, उठ रहे कई सवाल
गाजीपुर की यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी है, बल्कि यह समाज में पारिवारिक जिम्मेदारियों और प्रेम के नए समीकरणों पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। क्या व्यक्तिगत इच्छाएं सामूहिक जिम्मेदारियों से बड़ी हो गई हैं? क्या बच्चों की भावनाओं से बढ़कर प्रेम हो सकता है? यह सवाल आज के समाज के सामने खड़ा है और इसका जवाब शायद अभी भी तलाशा जा रहा है।