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इंदिरा गांधी: देश की पहली महिला प्रधानमंत्री की जीवन-यात्रा और विरासत, जानें दिलचस्प किस्सा

1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति

 आज देश की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती है। इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। वे जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की एकमात्र संतान थीं और बचपन से ही राष्ट्रीय राजनीति के बीच फलती-फूलती रहीं। नेहरू परिवार के वातावरण ने इंदिरा को राजनीति और सार्वजनिक जीवन के करीब रखा। बाद में वे खुद देश की सबसे ताकतवर महिलाओं में शुमार हुईं। इंदिरा ने अपने दृढ़ निश्चय और सख्त फैसलों के लिए हमेशा पहचान बनाई; उनके कुछ निर्णय इतिहास में विवादास्पद तो रहे, पर उनका प्रभाव अटल रहा।

बचपन और आजादी का भाव
छोटी उम्र से इंदिरा ने राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया। प्रसिद्ध है कि पाँच साल की इंदिरा ने अंग्रेज़ों के विरोध में अपनी विदेशी गुड़िया जला दी थी — यह दिखाता है कि उनके मन में देशभक्ति और बहिष्कार की भावना बड़ी जल्दी जाग गयी थी। वे बचपन से ही सक्रिय रहीं और स्वतंत्रता आंदोलन में बच्चों की हल्की-फुल्की भूमिका निभाती रहीं।

राजनीति में शुरुआती दिनों की चुनौतियाँ
इंदिरा को शुरुआत में राजनीति में ‘गूंगी गुड़िया’ जैसा उपहास भी सुनना पड़ा। 1966 में राष्ट्रपति लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद जब इंदिरा प्रधानमंत्री बनीं, तो कांग्रेस के भीतर वे पहली पसंद नहीं थीं। शुरुआती सालों में उन्हें आलोचनाएँ झेलनी पड़ीं; 1969 के बजट पेश करते समय उनकी लड़खड़ाहट पर भी हल्ला हुआ।

नेतृत्व और 'गरीबी हटाओ'
इन चुनौतियों के बावजूद इंदिरा ने जनता का विश्वास जीत कर अपनी पॉलिटिकल पकड़ मजबूत की। उन्होंने देशभर में दौरे किए और 'गरीबी हटाओ' को अपना मुख्य नारा बनाया। उनकी नीतियाँ जैसे भारत में औद्योगीकरण, बैंक राष्ट्रीयकरण और सामाजिक सुधारों की पहल ने गहरा प्रभाव छोड़ा।

आपातकाल और हत्या
इंदिरा गांधी का शासनकाल विवादों से भरा रहा; 1975-77 में लागू किया गया आपातकाल उनकी साख पर बड़ा धक्का था। 1984 में, सरदारीनगर ऑपरेशन और सिखों के परस्पर तनाव के बीच, उनकी हत्या का दुखद अंत हुआ — देश ने एक नायाब नेता खो दिया। इंदिरा गांधी का राजनीतिक जीवन शक्ति, विवाद और परिवर्तन का मिश्रण रहा। वे न केवल भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, बल्कि एक ऐसी व्यक्तित्व भी थीं जिनके फैसले और विचार दशकों तक देश की राजनीति और नीतियों को प्रभावित करते रहे।

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