ब्रज की महिमा से सजा शाही विवाह: इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा बने जीवनसाथी,
ताज आमेर बना ‘मिनी वृंदावन’
5 days ago
Written By: Aniket Prajapati
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा का विवाह समारोह अपनी भव्यता, परंपरा और ब्रज संस्कृति की झलक से हर किसी का मन मोह रहा है। जयपुर के ताज आमेर होटल में आयोजित यह शाही विवाह पूरी तरह ‘मिनी वृंदावन’ में तब्दील कर दिया गया है। होटल के हर कोने में ब्रज की सुगंध, कृष्ण लीला के चित्रण और आध्यात्मिक वातावरण की अनोखी अनुभूति देखने को मिल रही है।
सुबह 10 बजे से शुभारंभ, देशभर के विद्वान ब्राह्मण कर रहे वैदिक अनुष्ठान
विवाह समारोह का आगाज आज सुबह 10 बजे हुआ। इस अवसर पर न केवल वृंदावन, बल्कि काशी, उज्जैन और नासिक से आए विद्वान वैदिक ब्राह्मण पूरे अनुष्ठान को शास्त्रीय विधि से संपन्न करा रहे हैं। पूरे आयोजन में ब्रज की सदियों पुरानी परंपरा और वैदिक संस्कारों का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
रातभर गूंजता रहा संगीत, बी प्राक ने जमाया रंग
विवाह से एक रात पहले आयोजित संगीत समारोह ने सारी महफिल लूट ली। लोकप्रिय गायक बी प्राक की दमदार प्रस्तुति ने माहौल को ऐसा सुरमयी बनाया कि मेहमान सुबह 4 बजे तक झूमते रहे। रोशनी, संगीत और नाच–गाने के बीच उत्सव का जोश अपने चरम पर था।
ताज आमेर का रूपांतरण: होटल के हिस्सों को दिए ब्रज के पवित्र स्थलों के नाम
विवाह को खास बनाने के लिए ताज आमेर होटल को कई हिस्सों में बांटकर उन्हें ब्रज के पवित्र स्थानों के नाम दिए गए हैं।
वृंदावन, गोकुल, नंदगांव, बरसाना और गोवर्धन—ये होटल के मुख्य सेक्शन हैं, जहां अलग-अलग रस्में आयोजित की जा रही हैं।
गोकुल में संगीत, मेहंदी और अन्य प्री-वेडिंग कार्यक्रम हुए।
गोवर्धन में सभी मेहमानों के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था है।
जहाँ प्रसाद का निर्माण हो रहा है, उसे विशेष रूप से ‘जगन्नाथ पुरी’ नाम दिया गया है।
यह थीमेटिक सजावट न केवल आकर्षक है, बल्कि मेहमानों को ऐसा अनुभव दे रही है मानो वे सच में ब्रज के दिव्य धाम में पहुंचे हों।
गोवर्धन थीम पर सजा मुख्य विवाह स्थल
मुख्य विवाह स्थल को ‘वृंदावन’ नाम देते हुए पूरी तरह ब्रज शैली में सजाया गया है।
श्रीकृष्ण के रास लीला से जुड़े चित्रणों के भव्य कटआउट
श्रीनाथजी और गोवर्धननाथजी की मनमोहक झांकियां
ब्रज की लताओं, बेलों और गोवर्धन पर्वत की झलक
इन सबने विवाह स्थल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे स्वयं ब्रज धाम जयपुर आ गया हो।