आईपीएस आशुतोष पाण्डेय के नाम से बनी फर्जी फेसबुक आईडी,
3 हजार लोग जुड़े — पत्रकार ने खोला पूरा खेल
1 months ago
Written By: संदीप शुक्ला
लखनऊ में साइबर ठगों ने अब एक और चौकाने वाली हरकत की है। जालसाजों ने चर्चित आईपीएस अधिकारी और पुलिस महानिदेशक (टेलीकॉम) आशुतोष पाण्डेय के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर बड़ा जाल फैला दिया। इस फर्जी प्रोफ़ाइल के फ्रेंड रिक्वेस्ट को लगभग तीन हजार लोगों ने स्वीकार भी कर लिया। इनमें बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, पत्रकार और आम लोग शामिल हैं। ठगों की यह नई चाल साइबर अपराध के बढ़ते खतरे पर फिर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
फर्जी आईडी से भेजी गई फ्रेंड रिक्वेस्ट, तीन हजार लोग बने शिकार
जानकारी के अनुसार, जालसाजों ने आशुतोष पाण्डेय के नाम और उनकी फोटो लगाकर एक नकली फेसबुक प्रोफ़ाइल तैयार की। इस प्रोफ़ाइल से लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही थीं और लोगों ने बिना सोचे-समझे उन्हें स्वीकार कर लिया। लगभग तीन हजार लोग इस ठगी के जाल में पहले ही जुड़ चुके थे।
वरिष्ठ पत्रकार को भेजा मैसेज, ठगी का पूरा खेल सामने आया
रविवार को जालसाजों ने वरिष्ठ पत्रकार संजय त्रिपाठी को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। वे पहले भी कई आईपीएस अधिकारियों की फर्जी आईडी से होने वाली ठगी का खुलासा कर चुके हैं, इसलिए उन्होंने तुरंत शक कर लिया। लेकिन मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली।
इसके बाद ठग ने उन्हें मैसेज किया
पहले हालचाल पूछा, फिर मोबाइल नंबर मांग लिया। इसके बाद कहा कि “सीआरपीएफ में मेरा दोस्त सुमित कुमार है, उसका बाहर तबादला हो गया है। वह अपना घरेलू सामान तुरंत बेचना चाहता है, कृपया मदद करें।” पत्रकार इसके पहले भी “सुमित कुमार” नाम का इस्तेमाल करके की जाने वाली ठगी का खुलासा कर चुके थे, इसलिए उन्होंने तुरंत समझ लिया कि यह पूरा मामला धोखाधड़ी है।
पत्रकार ने लोगों को किया अलर्ट, बड़ा नुकसान होने से बचा
संजय त्रिपाठी ने तुरंत इस फर्जी आईडी से जुड़े लोगों को अलर्ट किया और बताया कि यह प्रोफ़ाइल नकली है। इसके बाद उन्होंने आशुतोष पाण्डेय को भी इसकी जानकारी दी, ताकि आगे किसी प्रकार की ठगी न हो सके यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर ठग लगातार नए तरीके अपनाकर आम लोगों और अधिकारियों दोनों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले प्रोफ़ाइल की जांच अवश्य करनी चाहिए।