दिल्ली में बड़े धमाके की साजिश: जैश-ए-मोहम्मद का फरीदाबाद मॉड्यूल बेनकाब,
डॉक्टरों का नेटवर्क जांच के घेरे में
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
दिल्ली में बम धमाका करने की साजिश रचने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल के उजागर होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को कई चौंकाने वाले सुराग मिले हैं। जांच में पता चला है कि इस मॉड्यूल की अहम सदस्य डॉ. शाहीन न सिर्फ पाकिस्तान से संपर्क में थी, बल्कि वह उत्तर प्रदेश में काम करने वाले 30–40 डॉक्टरों को अपने नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश कर रही थी। इसके अलावा, यूपी में कार्यरत करीब 200 कश्मीरी मूल के डॉक्टर और मेडिकल छात्र अब एजेंसियों की निगरानी में हैं। देशभर में ऐसी संदिग्ध प्रोफाइल की संख्या 1000 से अधिक बताई जा रही है।
विदेशों में फैला नेटवर्क, पाकिस्तानी आर्मी डॉक्टर से भी संपर्क
सूत्रों के अनुसार एनआईए, आईबी, दिल्ली पुलिस और एटीएस की संयुक्त पूछताछ में खुलासा हुआ कि डॉ. शाहीन का नेटवर्क पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्किए, यूएई, मालदीव और बांग्लादेश तक फैला हुआ था। श्रीनगर में हुई पूछताछ में यह भी सामने आया कि वह पाकिस्तानी सेना के एक डॉक्टर से लगातार संपर्क में थी। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में धमाके करवाने के बाद वह विदेश भागने की तैयारी कर रही थी और इसके लिए उसने वीजा आवेदन भी कर रखा था।
मॉड्यूल के दूसरे सदस्य हिरासत में, नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश
इस पूरे मॉड्यूल के अन्य सदस्य—डॉ. आदिल, डॉ. परवेज, डॉ. आरिफ और डॉ. फारुख—भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इन सभी से लगातार पूछताछ जारी है। एटीएस की एक टीम दिल्ली में तैनात है, जबकि दूसरी टीम को जल्द श्रीनगर भेजा जाएगा ताकि पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।
कैसे हुआ ब्रेनवॉश और कैसे बनी साजिश?
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि डॉ. शाहीन ने अपने भाई डॉ. परवेज को कट्टरपंथ की राह पर धकेला। 2021 में मालदीव जाने के बाद उसका ब्रेनवॉश किया गया और उसे मॉड्यूल का सक्रिय सदस्य बना दिया गया। परवेज को हथियार लाने और दूसरे डॉक्टरों तक संदेश पहुंचाने का काम दिया गया। शाहीन ने उसे पुराने की-पैड वाले फोन इस्तेमाल करने की सलाह दी, ताकि लोकेशन ट्रेस न हो सके और बैटरी भी लंबे समय तक चले।
दिल्ली के धार्मिक स्थलों पर बड़ा हमला प्लान
पूछताछ में सामने आया है कि यह मॉड्यूल पिछले चार वर्षों से तैयार किया जा रहा था। इनके निशाने पर दिल्ली और कई बड़े धार्मिक स्थल थे। अधिकारियों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद पढ़े-लिखे पेशेवरों पर भरोसा करता है, इसलिए डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को इस मॉड्यूल में अहम भूमिका दी गई थी। वर्तमान में यूपी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की एजेंसियां लगातार जानकारी साझा कर रही हैं और कई संदिग्धों से पूछताछ जारी है ताकि पूरे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके।