Jhansi News: 26 साल तक कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते थक गए आरोपी
तो कबूला जुर्म, कहा-जज साहब अब सुना दीजिए सजा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: झांसी में 1998 में दर्ज एक मारपीट के मामले में 26 साल बाद फैसला आया है। इस मामले में कुल 8 आरोपी थे। सुनवाई के दौरान 4 की मौत हो गई। बाकी बचे 4 आरोपियों ने खुद अपना जुर्म कबूल कर लिया। कोर्ट ने इन चारों को दोषी मानते हुए 6 महीने की परिवीक्षा पर सजा दी है। इस दौरान सभी आरोपियों को जिला परिवीक्षा अधिकारी (DPO) के सामने हाजिरी लगानी होगी। अगर उनका व्यवहार ठीक रहा तो केस खत्म कर दिया जाएगा। कोर्ट ने सभी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखा।
1998 में दुकान में घुसकर की थी मारपीट
दरअसल, यह मामला 26 अप्रैल 1998 का है। अशरफ खान नाम के व्यक्ति ने नवाबाद थाना में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि उनकी एसटीडी दुकान में कुछ लोग घुस आए। उन्होंने दुकान के नौकर सूरज और राजन को हॉकी से पीटा। साथ ही जान से मारने की धमकी दी। दुकान का फर्नीचर भी तोड़ दिया। इस तहरीर के बाद पुलिस ने 8 लोगों पर केस दर्ज किया। इसमें रवि, मेवालाल, हरि, रघुवीर उर्फ मामा, अनिल कुमार उर्फ राजू, मुकेश कुमार, अखिलेश और रानी उर्फ मनीष शामिल थे।
4 की मौत, बाकी ने जुर्म कबूल किया
पुलिस ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। लेकिन केस की सुनवाई में सालों लगते गए। इस दौरान रवि, मेवालाल, हरि और रघुवीर की मौत हो गई। बाकी बचे चार आरोपी कोर्ट के चक्कर लगाते रहे। बता दें कि अंत में उन्होंने अपना जुर्म खुद मान लिया। वहीं उन्होंने कोर्ट में कहा कि वे 26 साल से परेशान हो चुके हैं। यह उनका पहला अपराध है और अब वे सुधर चुके हैं।
6 महीने की परिवीक्षा पर छोड़ा गया
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें जेल नहीं भेजा। कोर्ट ने 6 महीने की परिवीक्षा तय की। अब ये सभी आरोपी हर हफ्ते या 10 दिन में DPO के सामने पेश होंगे। अगर 6 महीने तक इनका चाल-चलन ठीक रहा, तो केस बंद कर दिया जाएगा। वहीं अब फैसले की कॉपी DPO को भेजी जाएगी। 21 मई को आरोपियों को वहां पेश होना होगा। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर केस को अंतिम रूप से निपटाया जाएगा।