जेपी इंफ्राटेक पर ED की बड़ी कार्रवाई, 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी मामले में 15 ठिकानों पर छापेमारी,
नोएडा से मुंबई तक सर्च ऑपरेशन
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
ED Raid: जेपी इंफ्राटेक से जुड़े एक बड़े घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह रेड 12 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में की गई है। कंपनी पर आरोप है कि उसने हजारों होमबायर्स और निवेशकों को धोखा दिया। साथ ही फंड्स की हेराफेरी कर मनी लॉन्ड्रिंग की है। इस छापेमारी में जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और उनसे जुड़ी गौरसंस, महागुन, गुलशन और सुरक्षा रियल्टी जैसी अन्य कंपनियां शामिल हैं। ये छापेमारी सेक्टर 128 से 132 तक की परियोजनाओं में की जा रही है।
अब भी इंतजार में 17 हजार बायर्स
जेपी इंफ्राटेक के कई प्रोजेक्ट अधूरे हैं। करीब 17 हजार खरीदारों को अब तक फ्लैट नहीं मिला। ये खरीदार कई सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं। ईडी को शक है कि बिल्डर ने खरीदारों से लिए पैसे का गलत इस्तेमाल किया है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण से मांगी फाइलें
ED ने हाल ही में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जेपी इंफ्राटेक से जुड़े प्रोजेक्ट्स की फाइलें मांगी थीं। इनमें 'ओर्चर्ड्स', 'कासा आइल्स', 'केन्सिंगटन बुलेवार्ड', 'क्लासिक' जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। इनकी फाइलें जांच में हैं। बता दें कि इनकी डिजिटल दस्तावेज भी चेक किए जा रहे हैं।
26 बिल्डरों की जुटाई गई जानकारी
ईडी अब तक 26 बिल्डरों की जानकारी इकट्ठा कर चुकी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से इन कंपनियों की डिटेल ली गई है। जिनमें से कुछ पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।
प्रोजेक्ट की मंजूरी से जुड़े खंगाले गए दस्तावेज
ED रेड में प्रोजेक्ट की मंजूरी से जुड़े कागजात, ले-आउट प्लान, रजिस्ट्री और बकाया की फाइलें देख रही है। बिल्डर और बैंक के बीच हुए एग्रीमेंट भी खंगाले जा रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई है। वहीं कुछ लोन दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए गए हैं।