UP में बनने जा रहा 76वां जिला… अलीगढ़-बुलंदशहर से बनेगा कल्याण सिंह नगर,
जानें पूरा प्लान
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य का 76वां जिला बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। यह नया जिला प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर कल्याण सिंह नगर के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रस्तावित जिले में अलीगढ़ की अतरौली और गंगीरी तहसील, और बुलंदशहर की डिबाई तहसील को शामिल किया जाएगा। यह कदम कल्याण सिंह की जन्मभूमि अतरौली (अलीगढ़) को केंद्र में रखते हुए उनकी राजनीतिक और सामाजिक विरासत को सम्मान देने की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है।
कल्याण सिंह के बेटे ने उठाई थी मांग पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र और पूर्व सांसद राजवीर सिंह (राजू भैया) ने 1 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा था। उन्होंने अपने पिता की जन्मभूमि मढ़ौली गांव (अतरौली तहसील) को केंद्र बनाकर नया जिला बनाने की मांग की थी। इससे पहले दिसंबर 2024 में जिला निर्माण संघर्ष समिति ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर डिबाई, शिकारपुर और अनूपशहर तहसीलों को जोड़कर कल्याण सिंह के नाम पर जिला बनाने की सिफारिश की थी।
राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों से मांगी रिपोर्ट मुख्य मांग के बाद, राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव राम कुमार द्विवेदी ने 27-28 अक्टूबर 2025 को अलीगढ़ और बुलंदशहर के डीएम को पत्र भेजा। इसमें नए जिले के गठन के लिए जनसंख्या, क्षेत्रफल और विकास क्षमता जैसे मानकों पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट (आख्या) मांगी गई है। यह रिपोर्ट क्षेत्रीय आयुक्त के माध्यम से राजस्व परिषद को भेजी जाएगी, जिसके बाद कैबिनेट स्तर पर प्रस्ताव पास किया जा सकता है।
कल्याण सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ के अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ था। वे आरएसएस से जुड़े रहे और भाजपा के दो बार मुख्यमंत्री बने (1991-92 और 1997-99)। उन्होंने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। बाद में वे राजस्थान (2014-2019) और हिमाचल प्रदेश (2019-2021) के राज्यपाल रहे। 21 अगस्त 2021 को उनके निधन के बाद उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
विकास और सम्मान की नीति की मिसाल प्रस्तावित कल्याण सिंह नगर जिला प्रशासनिक सुविधा, रोजगार और क्षेत्रीय विकास का केंद्र बनेगा। सोशल मीडिया पर इसे लेकर #NayeBharatKaNayaUP जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। अगर रिपोर्ट और कैबिनेट से मंजूरी मिल गई, तो यह जिला 2026 तक अस्तित्व में आ सकता है। यह कदम योगी सरकार की ‘विकास और सम्मान’ नीति को दर्शाता है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में भी बड़ा संदेश देगा।