कानपुर: बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी पर गैर जमानती वारंट,
कोर्ट में आत्मसमर्पण
1 months ago Written By: Aniket prajapati
कानपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा की कोर्ट ने गुरुवार को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद विधायक ने स्वयं कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने 20 हजार रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र पर वारंट निरस्त कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि भविष्य में गवाही के लिए समय पर पेश हों। यह मामला 2011 के एक सड़क हादसे से जुड़ा है, जिसमें विधायक के रिश्तेदार की मौत हो गई थी। पुलिस और कोर्ट की कार्रवाई से मामला अब और सुर्खियों में आया है।
2011 का सड़क हादसा
सुरेंद्र मैथानी ने 9 फरवरी 2011 को स्वरूप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तराखंड के चमोली जिले निवासी उनके रिश्तेदार पुनीत मोहन ढिमरी गीता नगर में रहते थे। पुनीत एक कंपनी में इंजीनियर थे और टेम्पो की आगे की सीट पर बैठकर मालरोड जा रहे थे। आकाशवाणी के पास टक्कर लगने से पुनीत की मौत हो गई।
पुलिस की विवेचना और चालक की पहचान
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। टक्कर मारने वाला चालक फरार हो गया। जांच में पता चला कि मुश्ताक अली, जो बेकनगंज के तलाक महल में रहते हैं, वाहन चला रहा था। पुलिस ने कई बार उनके घर पहुंचकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिले।
कोर्ट में गैर जमानती वारंट और आत्मसमर्पण
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान विधायक सुरेंद्र मैथानी बार-बार गवाही देने के लिए पेश नहीं हुए। इसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया। गुरुवार शाम विधायक ने स्वयं कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने वारंट निरस्त कर दिया और उन्हें भविष्य में गवाही के लिए उपस्थित रहने की चेतावनी दी।