ई-सिम बदलकर उड़ाए 1.26 करोड़, कानपुर के कारोबारी को पता ही न चला,
और हो गया उसके साथ खेल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: कानपुर से एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और आम लोगों को चौका दिया है। यहां साइबर अपराधियों ने एक कारोबारी को निशाना बनाते हुए उनके बैंक खाते से 1.26 करोड़ रुपये उड़ा लिए। अपराधियों ने ठगी का तरीका भी बेहद चालाकी भरा अपनाया। उन्होंने कारोबारी का सामान्य सिम कार्ड ई-सिम में बदल दिया और इसके जरिए बैंक अकाउंट पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया। पैसों को तुरंत मुंबई के एक बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
कारोबारी को नहीं मिला कोई कॉल या मैसेज
पीड़ित कारोबारी मोकम सिंह ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी तरह का कॉल, मैसेज या सूचना नहीं मिली कि उनका सिम ई-सिम में बदला जा रहा है। जब तक उन्हें खाते से पैसे गायब होने का पता चला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रकम गायब होना बेहद चौंकाने वाली घटना है।
पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी। डीसीपी क्राइम एस. एम. कासिम आबिदी ने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है और कई टीमें मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की अपील की और कहा कि अब साइबर ठग ई-सिम के जरिए भी धोखाधड़ी कर रहे हैं।
क्या होता है ई-सिम और कैसे होता है दुरुपयोग
ई-सिम यानी इलेक्ट्रॉनिक सिम, सामान्य सिम कार्ड की तरह मोबाइल में डालना नहीं पड़ता। इसे सीधे मोबाइल सेटिंग्स से ऑपरेटर से कनेक्ट कर सक्रिय किया जाता है। ई-सिम एक्टिव करने के लिए ओटीपी, क्यूआर कोड और अन्य जानकारियों की जरूरत होती है। अपराधी किसी तरह इन जानकारियों को हासिल कर लेते हैं और एक बार ई-सिम उनके कंट्रोल में आ जाए तो उस नंबर पर आने वाले सभी ओटीपी और मैसेज सीधे उनके पास पहुंचते हैं। इसी का फायदा उठाकर ठग बैंक खाते खाली कर देते हैं।
जागरूकता ही है बचाव
पुलिस ने कहा कि इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई बेहद जरूरी है। अगर किसी को शक हो कि उसका सिम बदला जा रहा है या बैंक से संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुआ है, तो तुरंत मोबाइल ऑपरेटर और बैंक से संपर्क करें। साथ ही साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं। समय रहते कार्रवाई करने से ही पैसों की रिकवरी की संभावना रहती है, वरना साइबर अपराधी रकम को कई खातों में घुमाकर गायब कर देते हैं।