मेरा पति लुटेरा दुल्हा मैं नहीं….बैंक मैनेजर और दरोगा से ठगी,
4 शादी करने वाली युवती को कोर्ट से राहत
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: कानपुर में चर्चित ‘लुटेरी दुल्हन’ मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। कोर्ट ने आरोपी महिला दिव्यांशी चौधरी की 14 दिन की न्यायिक रिमांड को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूत रिमांड के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट का कहना है कि पुलिस न तो विश्वसनीय और ठोस प्रमाण दे सकी और न ही गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया से जुड़ी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई। इस फैसले के बाद पूरे मामले की जांच पर सवाल उठ खड़े हो गए हैं। अब पुलिस दोबारा जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी, जबकि बचाव पक्ष ने पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं।
कोर्ट ने कहा, सबूत अधूरे, पुलिस रिमांड का आधार नहीं बता सकी ग्वालटोली थाना पुलिस ने बीते मंगलवार दरोगा आदित्य की पत्नी दिव्यांशी चौधरी को धोखाधड़ी, रंगदारी और अन्य 12 धाराओं में गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह ‘लुटेरी दुल्हन’ है और कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुकी है। पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने पाया कि गिरफ्तारी की धाराओं का स्पष्ट ब्योरा, सीआरपीसी 41 का नोटिस और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जरूरी दस्तावेज अदालत को नहीं दिए गए। इसी कारण रिमांड को खारिज कर दिया गया।
जांच पर उठे सवाल, अधिकारियों को कोर्ट में किया गया तलब
कोर्ट ने कहा कि इतनी संवेदनशील और चर्चित केस में पुलिस से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह बिना मजबूत आधार के रिमांड मांगे। अदालत ने संबंधित विवेचक और अधिकारियों को तत्काल उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अब पुलिस इस मामले की दोबारा जांच करेगी और कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी।
पुलिस फैसले के खिलाफ करेगी अपील डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि रिमांड खारिज होने की जानकारी उन्हें मिल गई है और पुलिस जिला जज की अदालत में अपील दायर करेगी। वहीं, दिव्यांशी के वकील योगेश ने दलील दी कि पुलिस जिन धाराओं में रिमांड चाहती थी, उनके समर्थन में ठोस आधार ही मौजूद नहीं था। उन्होंने कोर्ट में एक तस्वीर भी दिखाई, जिसमें विवेचक शुभम सिंह और दरोगा आदित्य हाथ में हाथ डाले दिखाई दे रहे थे। बचाव पक्ष के अनुसार, दोनों की दोस्ती के कारण निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
मेरा पति लुटेरा दूल्हा, मैं नहीं, दिव्यांशी की सफाई रिमांड खारिज होने के बाद दिव्यांशी ने कहा, मेरा पति लुटेरा दूल्हा है, न कि मैं लुटेरी दुल्हन। मेरे पैसों से उसने अपना घर बनवाया है। हमारी अरेंज मैरिज हुई थी। उसने कहा कि वह 2016 से काम कर रही है और उसके सभी बैंक ट्रांजैक्शन वैध हैं। दिव्यांशी का कहना है कि आदित्य विभाग के लोगों की मदद से उसे फंसा रहा है, क्योंकि वह उसकी साजिश का शिकार हुई है।