कानपुर में सिक्योरिटी गार्ड के नाम पर बनी फर्जी कंपनी,
मिला 3.14 करोड़ का CGST नोटिस, उड़ गए होश
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: कानपुर में एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड उस वक्त हैरान रह गया जब उसके नाम पर चल रही फर्जी कंपनी के खिलाफ सीजीएसटी (CGST) का नोटिस उसके घर पहुंचा. इस नोटिस में करीब 3 करोड़ 14 लाख रुपये का टैक्स बकाया बताया गया था. साधारण जिंदगी जीने वाले गार्ड ओमजी शुक्ला और उनके परिवार के लिए यह खबर किसी बड़े सदमे से कम नहीं थी. मामला सामने आते ही वह अपने परिवार के साथ चिंता में डूब गए और मदद के लिए अधिकारियों और पुलिस के दरवाजे खटखटाने लगे.
किराए के मकान में रहने वाले गार्ड पर 3 करोड़ का बोझ
यह पूरा मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के हंसपुरम आवास विकास कॉलोनी का है, जहां ओमजी शुक्ला अपने परिवार के साथ किराए पर रहते हैं. ओमजी काकादेव की एक कोचिंग मंडी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करते हैं. 21 अगस्त को उनके घर पहुंचा सीजीएसटी नोटिस उनके लिए बड़ा झटका लेकर आया. नोटिस में बताया गया कि उनके नाम से रजिस्टर्ड कंपनी ने टैक्स नहीं भरा है और बकाया अब उनके ऊपर है.
व्यापारियों ने की मदद
नोटिस मिलने के बाद ओमजी शुक्ला ने यह बात आस-पड़ोस के व्यापारियों से साझा की. व्यापारियों ने उनकी परेशानी को गंभीरता से लिया और मदद के लिए आगे आए. वे ओमजी को लेकर कानपुर जीएसटी ऑफिस पहुंचे, जहां अधिकारियों से पूरे मामले पर बातचीत की गई.
दिल्ली CGST ऑफिस से आया नोटिस
जांच में सामने आया कि यह नोटिस दिल्ली CGST ऑफिस से जारी हुआ है और उसका जवाब वहीं भेजा जाना है. ओमजी शुक्ला का कहना है कि किसी ने उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करके उनके नाम से कंपनी बना डाली और करीब 17 करोड़ रुपये का कपड़ों का कारोबार किया. लेकिन उसका टैक्स जमा नहीं किया गया और अब उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
न्याय नहीं मिला तो करूंगा इच्छा मृत्यु की मांग
ओमजी शुक्ला का कहना है कि उन्होंने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत अधिकारियों से कर दी है और नोटिस का जवाब भी भेज दिया है. उन्होंने कहा, अगर मुझे यहां से न्याय नहीं मिलेगा तो मैं मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक जाऊंगा और आखिर में इच्छा मृत्यु की मांग करूंगा.
क्यों है मामला गंभीर
यह मामला केवल एक सिक्योरिटी गार्ड का नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जिनके डॉक्यूमेंट्स का गलत इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियां बनाई जा रही हैं. सरकार और प्रशासन के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि बेगुनाह लोग किसी और की गलती की सजा न भुगतें.