कानपुर का उर्सला अस्पताल बना यूपी का पहला जिला अस्पताल, जहां मूक बधिर बच्चे भी सुनेंगे-बोलेंगे…
पूरी तरह मुफ्त होगी कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: कानपुर के उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल अस्पताल ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तर प्रदेश का पहला जिला अस्पताल बनने जा रहा है जहां केंद्र सरकार की ADIP योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की जाएगी। अब वे गरीब परिवार, जो लाखों रुपये खर्च न करने की वजह से अपने बच्चों का इलाज नहीं करा पाते थे, उन्हें एक बड़ा सहारा मिल सकेगा। निजी अस्पतालों में यह सर्जरी आमतौर पर 4 से 5 लाख रुपये में होती है, लेकिन सरकार की इस पहल ने हजारों परिवारों की उम्मीद फिर से जगा दी है। इस परियोजना को शुरू करने के लिए अस्पताल को औपचारिक मंजूरी भी मिल चुकी है और जनवरी 2026 में पहली सर्जरी की जाएगी।
उर्सला अस्पताल को ADIP योजना में मिली मंजूरी अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसएबिलिटीज़ (AYJNISHD) ने उर्सला अस्पताल को केंद्र की ADIP योजना में इम्पैनल कर दिया है। कानपुर जिला प्रशासन के विशेष प्रयास और अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सक्सेना व उनकी टीम की मेहनत से यह बड़ी मंजूरी मिली है। मंजूरी मिलने के बाद अब जनवरी 2026 में पहले छह बच्चों का हाई-एंड कॉक्लियर इम्प्लांट किया जाएगा।
42 बच्चों की जांच, 6 पाए गए सर्जरी के लिए योग्य हाल ही में आयोजित एक स्क्रीनिंग कैंप में 42 बच्चों की विस्तृत जांच की गई। विशेषज्ञों ने इनमें से छह बच्चों में गंभीर श्रवण हानि पाई और उन्हें कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए पूरी तरह उपयुक्त बताया। विशेषज्ञों का कहना है कि 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया गया इम्प्लांट सबसे ज्यादा प्रभावी होता है, क्योंकि इस उम्र में मस्तिष्क तेजी से सीखता और श्रवण क्षमता विकसित होती है।
उन्नत सुविधाएं: ऑपरेशन थिएटर और ऑडियोलॉजी रूम तैयार उर्सला अस्पताल में हाई-टेक ऑपरेशन थिएटर को अपग्रेड किया जा रहा है। इसके साथ ही एक समर्पित ऑडियोलॉजी रूम भी बनाया जा रहा है, जहां स्क्रीनिंग, मूल्यांकन और स्पीच थेरेपी की सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। भविष्य में अस्पताल को कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र का रीजनल कॉक्लियर इम्प्लांट सेंटर बनाने की योजना है, जिससे पड़ोसी जिलों फतेहपुर, उन्नाव, कन्नौज, बांदा, हमीरपुर के हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा।
किसी भी बच्चे को सुनने की क्षमता से वंचित नहीं रहने देंगे- डीएम कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महंगे इलाज के अभाव में कोई भी बच्चा सुनने की क्षमता न खोए, यही प्रशासन का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि यह सुविधा श्रवण बाधित बच्चों के माता-पिता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।