करूर भगदड़ केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सीबीआई करेगी जांच,
पूर्व जज अजय रस्तोगी होंगे निगरानी प्रमुख
12 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनेता थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्ट्रि कझगम (TVK) की रैली में मची भगदड़ के मामले ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। अदालत ने कहा कि इस घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी है ताकि किसी राजनीतिक प्रभाव या पक्षपात की गुंजाइश न बचे। गौरतलब है कि इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
TVK की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जांच और निगरानी की मांग की थी। पार्टी का कहना था कि तमिलनाडु पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि जांच में निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। टीवीके ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया कि भगदड़ एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा हो सकती है। पार्टी चाहती थी कि जांच एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में हो, जिसे सर्वोच्च अदालत ने मंजूरी दे दी।
पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी सीबीआई जांच की निगरानी समिति के प्रमुख होंगे। यह समिति जांच की प्रगति पर नज़र रखेगी और नियमित रूप से सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी। यह फैसला TVK के सचिव आधव अर्जुना की याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा गठित SIT को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इस मामले में निष्पक्षता के लिए एक स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच जरूरी है।
एफआईआर में TVK नेताओं के नाम रैली के बाद भगदड़ की घटना ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। करूर पुलिस ने घटना के तुरंत बाद FIR दर्ज की, जिसमें TVK के जिला सचिव माधियाझगन, जनरल सेक्रेटरी बसी आनंद, और ज्वाइंट सेक्रेटरी सीटीआर निर्मल कुमार पर हत्या, हत्या का प्रयास और अन्य लोगों की जान को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। पुलिस का कहना है कि किसी तरह की इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं हुई, लेकिन भीड़ प्रबंधन में भारी चूक जरूर रही।
कैसे मची भगदड़? पुलिस के मुताबिक, रैली स्थल पर विजय की देरी से एंट्री ने भीड़ को उत्तेजित कर दिया। आयोजकों को निर्देश दिया गया था कि विजय की बस को मंच से 50 मीटर पहले रोकें, ताकि सुरक्षा व्यवस्था संभाली जा सके। लेकिन उन्होंने निर्देशों की अनदेखी की और बस को मंच के ठीक सामने खड़ा कर दिया। पुलिस के मुताबिक, विजय करीब 10 मिनट तक बस से बाहर नहीं आए, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
अनुमति से ज्यादा भीड़, सुरक्षा इंतजाम फेल रैली के आयोजन के लिए TVK ने प्रशासन से 10,000 लोगों की अनुमति ली थी, लेकिन मौके पर 25,000 से ज्यादा लोग जुट गए। पुलिस ने रिपोर्ट में कहा कि पार्टी ने पर्याप्त पानी, सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं नहीं दीं। प्रशासन का यह भी कहना है कि पार्टी ने अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया और crowd management के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की।
सीबीआई जांच से अब खुलेंगे कई राज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई इस मामले की गहराई से जांच करेगी। जांच में यह देखा जाएगा कि घटना महज लापरवाही का नतीजा थी या इसके पीछे राजनीतिक या संगठनात्मक साजिश थी। अब देशभर की नज़रें इस जांच पर हैं, क्योंकि यह फैसला तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है।