कौशांबी में मुठभेड़: 4 करोड़ की लूट, ड्राइवर की हत्या
...ढेर हुआ कुख्यात बदमाश संतोष, SHO बाल-बाल बचे
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: कौशांबी जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक कुख्यात बदमाश संतोष उर्फ राजू मारा गया। उस पर 4 करोड़ रुपये के कॉपर लूट और ट्रेलर ड्राइवर की हत्या का आरोप था। पुलिस को सूचना मिली थी कि 5 लोग लूट का माल बेचने वाले हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में मुख्य आरोपी संतोष ने अपना जुर्म कबूल किया, असलहा बरामद कराने के दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। यह घटना कोखराज थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है।
ट्रेलर लूट और ड्राइवर की हत्या
शुक्रवार रात को संतोष ने दो साथियों के साथ मिलकर एक ट्रेलर रोका। यह ट्रेलर गुजरात से प्रयागराज जा रहा था। इसमें 4 करोड़ रुपये के कॉपर वायर लदे थे। संतोष ने ड्राइवर से बात करने के बहाने रोका, जिसके बाद उसने ड्राइवर को गोली मार दी। इसके बाद शव को फेंककर ट्रेलर लेकर फरार हो गए।
बदमाशों की तलाश और गिरफ्तारी
ड्राइवर की पहचान अजमेर निवासी साबरमल मीणा (40) के रूप में हुई। जब ट्रेलर प्रयागराज नहीं पहुंचा, तो पुलिस ने जांच शुरू की। शव मिलने के बाद पुलिस को लूट और हत्या की जानकारी मिली। पुलिस ने टीम बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू की। कई जगह छापे मारे गए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। शनिवार रात 1 बजे पुलिस को सूचना मिली कि 5 लोग कॉपर बेचने वाले हैं। ये लोग एक अर्टिगा कार में थे। पुलिस ने कोखराज में घेराबंदी की और पांचों को पकड़ लिया।
मुठभेड़ में मारा गया आरोपी
पुलिस ने संतोष से पूछताछ की। उसने जुर्म कबूल किया और बताया कि पिस्तौल झाड़ियों में फेंकी है। पुलिस उसे हथियार बरामद करने झाड़ियों में लेकर गई। वहां संतोष ने छिपी पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें संतोष को तीन गोलियां लगीं। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे डॉक्टरों नें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि इस मुठभेड़ में में एसएचओ चंद्र भूषण मौर्य और दरोगा मनीष बाल-बाल बचे। संतोष की गोली उनके बुलेटप्रूफ जैकेट में जा लगी।
संतोष का आपराधिक इतिहास
संतोष जौनपुर के खेतासराय का रहने वाला था। वह गांव बहुत कम आता था। ग्रामीणों के अनुसार, वह बचपन से ही अपराध की ओर झुका हुआ था। उसके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज हैं। गांव में उसका परिवार शरीफ माना जाता है। संतोष के दो साथी अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनकी पहचान कर ली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं।