लखीमपुर खीरी में अनोखी शादी: इमली का पेड़ बना दुल्हन और कुआं बना दूल्हा,
धूमधाम से निकली बारात
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से एक ऐसी अनोखी घटना सामने आई है जिसने लोगों को हैरान भी किया और उत्सुक भी। यहां एक गांव के लोगों ने इमली के पेड़ और कुएं की शादी कराई। यह शादी बिल्कुल वैसी ही थी जैसी किसी दूल्हा-दुल्हन की होती है। बारात निकली, डीजे बजा, लोग नाचे और विधि-विधान के साथ रस्में निभाई गईं। भैरमपुर गांव की यह परंपरा अब चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों का मानना है कि यह अनोखा विवाह कई वर्षों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है और इससे गांव में शांति व समृद्धि बनी रहती है।
इमली बनी दुल्हन और कुआं बना दूल्हा भैरमपुर गांव में ग्रामीणों ने इस बार एक नई इमली के पौधे को दुल्हन और गांव के चौराहे पर बने कुएं को दूल्हा बनाया। पंडित कृपा शंकर ने आम की लकड़ी से कुएं का प्रतीकात्मक वर रूप तैयार किया। उसे माला और पगड़ी पहनाई गई तथा धागा बांधकर इमली के पेड़ से उसका बंधन कराया गया। धागे का सिरा 400 मीटर दूर आम की बाग में लगाए गए इमली के पौधे से जोड़ा गया। इसके बाद दोनों पक्षों ने पारंपरिक तरीके से शादी की सारी रस्में पूरी कीं।
बारात में डीजे और नाच-गाना कुआं पक्ष की ओर से धूमधाम से बारात निकाली गई। बाराती डीजे की धुन पर नाचते हुए गांव में घूमे। इमली पक्ष की ओर से भी विशेष तैयारियां की गई थीं। दुल्हन यानी इमली के पेड़ को सुहाग की सभी चीजें पहनाई गईं। शादी के बाद भोज का आयोजन भी किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने भोजन किया।
क्यों कराई जाती है यह अनोखी शादी गांव के बुजुर्ग जगन्नाथ प्रसाद यादव ने बताया कि यह परंपरा बहुत पुरानी है। सन 1960 में पहली बार गांव में कुएं और इमली की शादी कराई गई थी। बाद में 1995 में दोबारा ऐसा विवाह हुआ। बंटवारे के कारण महिलाओं को कुएं से संबंधित धार्मिक रस्में निभाने में दिक्कत आने लगी थी। वहीं पुराना इमली का पेड़ भी खत्म हो गया था। इसलिए 2024 में नया पौधा लगाया गया और उसकी अब कुएं के साथ शादी कर दी गई। ग्रामीण मानते हैं कि इससे गांव में सुख-शांति बनी रहती है।
ग्रामीणों में दिखा उत्साह इस अनोखे विवाह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल परंपरा नहीं बल्कि उनके सांस्कृतिक भाव और आस्था का प्रतीक है। इस अनूठी शादी को देखकर लोग भी हैरान रह गए।