100 जानें लेने वाली बाघिन का खौफ खत्म…
लखीमपुर खीरी में 5 महीने बाद बकरी के लालच में पिंजरे में हुई कैद
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: लखीमपुर खीरी जिले के गोला और मैलानी वन रेंज में पिछले पांच महीनों से दहशत फैला रही बाघिन आखिरकार बुधवार रात वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गई। इस बाघिन ने अब तक 12 साल के एक बच्चे और 100 से अधिक पालतू पशुओं की जान ले ली थी। बाघिन के खौफ से इलाके के लगभग 25 गांवों के लोग महीनों से भय में जी रहे थे। ग्रामीण न तो खेतों की ओर जा पा रहे थे और न ही बच्चे घर से बाहर निकल पा रहे थे। शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। अब बाघिन को दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ा जाएगा।
पांच महीनों से मचा रखा था आतंक
बरौंछा नाला क्षेत्र से सटे कुकरा, ढ़ाका, कुंवरपुर, हजरतपुर, देवीपुर, प्रतापपुर समेत दो दर्जन गांवों में यह बाघिन लगातार घूमती रहती थी। बांकेगंज-कुकरा मार्ग पर भी इसके आने-जाने से लोग भयभीत थे। खासतौर पर कुकरा गांव के प्रदीप कुमार की मौत और पालतू पशुओं पर हमले से ग्रामीणों का आक्रोश और दहशत दोनों बढ़ते जा रहे थे।
पकड़ने के लिए लगे कैमरे, पिंजरे और ड्रोन
ग्रामीणों के गुस्से और लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए वन विभाग ने बाघिन की निगरानी के लिए 24 कैमरे और तीन पिंजरे लगाए थे। यहां तक कि ड्रोन से भी उसकी लोकेशन खोजने की कोशिश की गई, लेकिन वह हर बार ठिकाना बदलकर निगरानी टीमों को चकमा देती रही।
बकरी के लालच में कैद हुई बाघिन
बुधवार रात वन विभाग ने ग्रंट नंबर 11 पंचायत के देवीपुर गांव के पास खेत में लगे पिंजरे में बकरी बांधी थी। आधी रात करीब दो बजे बाघिन वहां पहुंची और शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गई। उसकी दहाड़ सुनकर निगरानी टीम मौके पर पहुंची और इसकी सूचना रेंजर संजीव तिवारी को दी गई।
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
सूचना मिलते ही दक्षिण खीरी वन विभाग के डीएफओ संजय बिश्वाल भी मौके पर पहुंचे। ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाघिन को सुरक्षित गोला रेंज भेजा गया। पूरे घटनाक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। बाघिन के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली और अब इसे दुधवा टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।