लखीमपुर खीरी: सड़क हादसे में जीजा-साले और साथी की मौत,
घर में खुशियों का मातम में बदला पल
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी कोतवाली क्षेत्र में रविवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। शाहपुर जागीर निवासी जितेंद्र कुमार (22) अपने साले विजय कुमार और अन्य दोस्त के साथ बाइक से लौट रहे थे कि सामने से आ रही बाइक से आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में जितेंद्र, विजय और रोहित कुमार (28) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथी रितिक की हालत गंभीर है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
जश्न मनाने निकले थे बाइक पर
जानकारी के मुताबिक, जितेंद्र 12 दिन पहले पिता बने थे। बेटे के जन्म की खुशी में घर पर पार्टी चल रही थी। सामान लेने के लिए वह अपने साले विजय के साथ बाइक से बरवर बाजार गए थे। इसी दौरान सेमरा जानीपुर मोड़ के पास उनकी बाइक रोहित और उसके दोस्त रितिक की बाइक से टकरा गई।
भीषण टक्कर में सिर में घुसा हैंडल
हादसा इतना भयानक था कि दोनों बाइकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। जितेंद्र के सिर में बाइक का हैंडल घुस गया और वह वहीं दम तोड़ दिया। विजय और रोहित भी गंभीर रूप से घायल हुए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। रितिक को गंभीर हालत में पहले मोहम्मदी सीएचसी और फिर शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे
हादसे की जानकारी मिलने पर बरवर चौकी इंचार्ज अरविंद तिवारी, सीओ अरुण कुमार सिंह और कोतवाली प्रभारी उमेशचंद्र चौरसिया पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। राहगीरों ने भी चीख-पुकार सुनकर मदद की।
परिवार की खुशियों का मातम
जितेंद्र के पिता राजाराम ने बताया कि बड़े बेटे की 3 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। डेढ़ साल पहले ही जितेंद्र की शादी हुई थी और 12 दिन पहले ही वह पिता बने थे। अब उनका परिवार एक बार फिर अपूरणीय क्षति झेल रहा है। वहीं, साले विजय के पिता शिवचरण ने बताया कि विजय घर का इकलौता बेटा था। उसके दो बच्चे हैं—सचिन (8) और शीतल (17)। अब उनकी परवरिश परिवार के जिम्मे आ गई है। दोनों परिवारों के बीच गहरी दोस्ती और रिश्तों का रिश्ता टूट गया।
तीसरे मृतक रोहित का दर्द
रोहित के पिता ओंकार ने बताया कि उनके बेटे की शादी को 10 साल हो चुके थे लेकिन संतान नहीं हुई थी। वह खेती-बाड़ी और मजदूरी करते थे। हादसे ने उनके परिवार की खुशियों को पूरी तरह झकझोर दिया।