अयोध्या के 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद,
हार्ट पेशेंट मां को नहीं दी गई खबर, नदी में डूब रहे साथी को बचाने में गंवाई जान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Lieutenant Shashank Tiwari: उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद हो गए। वे ऑपरेशनल पेट्रोलिंग पर थे। इसी दौरान उनका एक साथी नदी में गिर गया। नदी का बहाव बहुत तेज था। जवान बहने लगा। यह देखकर शशांक बिना कुछ सोचे नदी में कूद गए। शशांक ने साथी को तो बचा लिया। उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन खुद तेज बहाव में फंस गए। बाद में उनका शव मिला। यह खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया।
आज अयोध्या पहुंचेगा शशांक का पार्थिव शरीर
शशांक की उम्र केवल 22 साल थी। वह अयोध्या के मझवां गद्दोपुर गांव के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर आज शाम तक अयोध्या पहुंचेगा। कल जमथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। शशांक घर के इकलौते बेटे थे। उनकी शादी भी नहीं हुई थी। बता दें कि 2019 में उनका चयन एनडीए में हुआ था। पिछले साल ही उन्हें कमीशन मिला था। इसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई थी।
मर्चेंट नेवी में हैं लेफ्टिनेंट शशांक के पिता
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं। वह इस समय अमेरिका में तैनात हैं। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही वह भारत लौटने के लिए रवाना हो गए हैं। शशांक की मां नीता तिवारी दिल की मरीज हैं। इसलिए उन्हें अभी तक बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है। शशांक की बड़ी बहन दुबई में रहती हैं, लेकिन फिलहाल अयोध्या में हैं।
बचपन से था शशांक में देशभक्ति का जज्बा
शशांक के मामा राजेश दुबे ने बताया कि वह शुरू से होनहार थे। वह पढ़ाई में तेज थे और देशभक्ति की भावना उनमें बचपन से ही थी। उन्होंने इंटर की पढ़ाई जेबीए एकेडमी से की थी। इसके बाद एनडीए में उनका सिलेक्शन हो गया। गांव के लोग शशांक की बहादुरी और बलिदान को सलाम कर रहे हैं। उन्होंने अपने साथी की जान बचाकर मिसाल कायम की है। देश उनके साहस को कभी नहीं भूलेगा।