जहरीला कफ सीरप कांड:
फरार बर्खास्त सिपाही आलोक लखनऊ कोर्ट में सरेंडर के बहाने गिरफ्तार
8 days ago Written By: Sandeep Shukla
लखनऊ। जहरीला कफ सिरप सप्लाई करने वाले बड़े गिरोह में शामिल फरार आरोपी और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह को मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ की अदालत में सरेंडर करने की तैयारी के समय धर दबोचा। यह गिरफ्तारी उस बड़े खुलासे के बाद हुई है जब दुबई में बैठे मुख्य मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को पहले पकड़ा गया था। एसटीएफ अब आलोक से गहन पूछताछ कर रही है और उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर जांच आगे बढ़ाएगी।
गिरोह के बड़े खेल का खुलासा
जांच में यह सामने आया है कि यह नेटवर्क सिर्फ स्थानीय तस्करों तक सीमित नहीं है। गिरोह ने करोड़ों रुपये के जहरीले कफ सिरप की सप्लाई कई राज्यों में की थी। यूपी के अलावा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक सप्लाई पहुंचाई जा रही थी। मामले में अमित टाटा, विशाल समेत दर्जन भर लोगों के नाम और उनकी कंपनियों के कनेक्शन सामने आए हैं। ईडी ने भी अब तक की कार्रवाईयों का पूरा रिकॉर्ड मांगा है।
ड्रग्स-ट्रैफिक और धन का स्रोत
जानकार बताते हैं कि यह गिरोह लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का कफ सिरप सप्लाई कर चुका है। शुभम के बैंक लेनदेन, फर्जी कंपनियों और संबंधित फर्मों की गतिविधियां जांच टीमों के लिए चौंकाने वाली मिली हैं। स्थानीय स्तर पर मोतीनगर क्षेत्र में आलोक की अकूत संपत्ति पर भी अधिकारी छानबीन कर रहे हैं।
कौन है आलोक सिंह — सिपाही से बड़ा तस्कर तक का सफर
नाका थाना क्षेत्र के मोतीनगर निवासी आलोक का नाम 2006 के चर्चित सोना लूटकांड में भी उभरा था। उस मामले के बाद वह बर्खास्त हुआ। अदालत से कुछ समय के बाद नौकरी मिली, लेकिन बाद में एक व्यापारी से लूट के आरोप पर फिर बर्खास्त कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक आलोक ने एक पूर्व सांसद के संरक्षण में शुभम जायसवाल के साथ संबंध बना लिए और अपने मामूली वेतन से वह जल्दी ही काले व्यापार में घिर गया। अब आलोक के पास बड़ी चल-अचल संपत्ति मिली है, जिसकी जांच जारी है।
आगे की कार्रवाई
एसटीएफ और अन्य जांच एजेंसियाँ आलोक से और खुलासे की उम्मीद कर रही हैं। पूछताछ से गिरोह के और सदस्य, सप्लाई चैन और पैसों के लेन-देन के नए पन्ने खुलने की संभावना है। जांच में मिली जानकारियों के आधार पर आगे ईडी और पुलिस साथ मिलकर कार्रवाई करेंगी।