लखनऊ में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत,
परिजनों ने अस्पताल के बाहर किया 3 घंटे हंगामा
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ के बिजनौर इलाके में सोमवार को बड़ा हंगामा देखने को मिला। एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। इस दौरान अस्पताल का पूरा स्टाफ ताला बंद कर मौके से फरार हो गया। सूचना मिलते ही एसीपी कृष्णा नगर रजनीश वर्मा मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत, अस्पताल ने मांगे चार लाख रुपए घटना बिजनौर के बलवंत खेड़ा इलाके स्थित सीमा हॉस्पिटल की है। मृतका की पहचान एलडीए कॉलोनी, स्वरूप चंद्र खेड़ा निवासी बेचालाल की पत्नी ममता (30) के रूप में हुई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के लिए चार लाख रुपए मांगे, और पूरी रकम न मिलने पर इलाज में लापरवाही की गई। फिलहाल पुलिस को तहरीर नहीं दी गई है, लेकिन अफसरों का कहना है कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
शनिवार को हुआ था मृत बच्चे का जन्म परिजनों के मुताबिक शनिवार तड़के ममता को प्रसव पीड़ा हुई थी। मजदूरी करने वाले बेचालाल ने उसे सीमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अस्पताल ने एडमिशन के दौरान 30 हजार रुपए की मांग की, जिसमें से 25 हजार रुपए जमा किए गए। दोपहर बाद ऑपरेशन किया गया, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ।
ज्यादा खून बहने से गई जान, इलाज में बरती गई लापरवाही ऑपरेशन के बाद ममता की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने दो यूनिट खून और चार लाख रुपए और मांगे। परिजन खून की व्यवस्था करते रहे, लेकिन ममता की हालत लगातार बिगड़ती गई। सोमवार शाम जब परिजन पैसे लेकर पहुंचे, तब डॉक्टरों ने ममता को ट्रॉमा सेंटर ले जाने की सलाह दी। एम्बुलेंस बुलाई गई, लेकिन जब तक ममता को बाहर लाया गया, उनकी मौत हो चुकी थी।
अस्पताल बंद कर फरार हुआ पूरा स्टाफ महिला की मौत के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों ने बताया कि ममता के शव को बाहर रखते ही पूरा स्टाफ ताला लगाकर भाग गया। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के सामने नारेबाजी शुरू कर दी और कार्रवाई की मांग की। शाम सात बजे से लेकर रात 10 बजे तक हंगामा चलता रहा। बाद में पुलिस ने समझाकर मामला शांत कराया।
खून मंगाया लेकिन चढ़ाया नहीं, भाई ने लगाए गंभीर आरोप ममता के भाई अमन कुमार गौतम ने बताया कि अस्पताल वालों ने पहले ही कहा था कि स्थिति गंभीर है। 30 हजार रुपए मांगे गए, जिनमें से 25 हजार रुपए किसी तरह दिए गए। बहुत मिन्नत के बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। कुछ देर बाद दो यूनिट खून मांगा गया, जो हमने उपलब्ध कराया। लेकिन खून चढ़ाया ही नहीं गया। इसके बाद और पैसे मांगे गए और गालियां दी गईं। सही इलाज न मिलने से बहन की जान चली गई।
अस्पताल में नहीं था कोई और मरीज स्थानीय लोगों के मुताबिक, अस्पताल में उस वक्त कोई और मरीज भर्ती नहीं था। सीमा यादव नाम की महिला इस अस्पताल को चलाती हैं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।