लखनऊ दरोगा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया,
गैंगरेप केस में नाम हटाने के एवज में मांगा 2 लाख
2 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
Uttar Pradesh News:लखनऊ के महानगर थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। दरोगा धनंजय सिंह को 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया। वह यह रिश्वत दो लोगों से गैंगरेप के आरोप में नाम हटाने के एवज में मांग रहा था। इस मामले का एक्सक्लूसिव वीडियो भास्कर के रिपोर्टर को भी मिला है।
वीडियो में दिखा रिश्वत का पूरा मामला 1.12 सेकेंड के वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस चौकी में दरोगा धनंजय सिंह बैठा है। इस दौरान गैंगरेप के आरोपी प्रतीक गुप्ता और उसका साथी आमिर भी कुर्सी पर बैठे हैं। प्रतीक 500-500 रुपए के नोटों की चार गड्डियां निकालकर दरोगा के सामने मेज पर रख रहे हैं। दरोगा आमिर से फाइल उठाने को कहता है और प्रतीक से नोटों को फाइल में रखने के लिए निर्देश देता है। इसके बाद फाइल को मेज की दूसरी तरफ रखा जाता है और एंटी करप्शन टीम उसे पकड़ लेती है।
गैंगरेप के मामले में साल भर बाद दर्ज हुआ मुकदमा आलमबाग स्थित ब्रिटिश स्कूल ऑफ लैंग्वेज के संचालक प्रतीक गुप्ता और एक अन्य शख्स रियाज पर 9 सितंबर 2025 को महानगर थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हुआ। प्रतीक की प्राइवेट सेक्रेटरी ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि 8 सितंबर 2024 को प्रतीक ने काम के बहाने पीड़िता को अपने फ्लैट पर बुलाया और नशे में उसका शोषण किया।
पहले भी झूठे आरोप का था मामला प्रतीक गुप्ता ने बताया कि 27 जुलाई 2025 को युवती ने उनके सीनियर मैनेजर आमिर के खिलाफ झूठा गैंगरेप आरोप लगाया था। आमिर के पास वॉइस रिकॉर्डिंग थी, जिससे साबित हुआ कि मामला फर्जी था। बावजूद इसके पुलिस ने प्रेशर में सेक्शुअल हैरेसमेंट रिपोर्ट दर्ज कर दी।
रिश्वत के लिए रची गई साजिश प्रतीक का आरोप है कि युवती ने जब नौकरी खो दी तो उसके दोस्त ने सलाह दी कि गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करा दें। इसके बाद प्रतीक और रियाज पर आरोप दर्ज करवा दिया गया। जेल में 37 दिन रहने के बाद 16 अक्टूबर को प्रतीक को बेल मिली। इसके बाद दरोगा धनंजय सिंह ने उनसे गैंगरेप मामले से नाम हटाने के एवज में 50 लाख रुपए की मांग की। प्रतीक ने 10 लाख देने के लिए तैयार होने के बावजूद पूरी रकम देने से इनकार कर दिया।
एंटी करप्शन टीम ने चौकी में किया घेराव प्रतीक ने 19 अक्टूबर को एंटी करप्शन में शिकायत की। इसके बाद टीम ने योजना बनाई और प्रतीक 2 लाख रुपए लेकर महानगर थाना की पेपर मिल कॉलोनी चौकी पहुंचे। दरोगा धनंजय सिंह शाम करीब 7:30 बजे बाइक से चौकी आए। टीम ने प्रतीक और दरोगा की गतिविधियों पर करीब सवा घंटे नजर रखी।
रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया दरोगा दरोगा ने प्रतीक की फाइल में नोट रखवाने के बाद, एंटी करप्शन टीम ने पहचान कर उसे पकड़ लिया। रात करीब 8:15 बजे दरोगा धनंजय को एंटी करप्शन टीम और लोकसेवक गवाहों की मौजूदगी में गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अलीगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है।