लखनऊ में ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी का कहर,
बुजुर्गों से आतंकवाद और पाकिस्तानी कनेक्शन का डर दिखाकर 30.57 लाख की ठगी
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
राजधानी लखनऊ में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर बुजुर्गों को निशाना बनाया है। ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी और एटीएस अफसर बताकर दो रिटायर्ड व्यक्तियों को “डिजिटल अरेस्ट” का झूठा भय दिखाया और आतंकवाद तथा पाकिस्तान कनेक्शन का हवाला देकर उनसे कुल 30.57 लाख रुपये ऐंठ लिए। दोनों मामलों में पीड़ितों को इतना डराया गया कि वे घर से बाहर तक नहीं निकले और किसी से बात भी नहीं कर सके। पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इसी तरह की कई शिकायतें सामने आई हैं।
पहला मामला: रिटायर्ड टीचर से 12.57 लाख की ठगी
पहला मामला राजाजीपुरम का है। रिटायर्ड शिक्षक गया प्रसाद त्रिपाठी को 7 नवंबर को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम एटीएस इंस्पेक्टर रंजीत कुमार बताया और कहा कि उनका मोबाइल नंबर पाकिस्तानियों के पास मिला है, इसलिए उनके खिलाफ गंभीर केस दर्ज है। गिरफ्तारी की धमकी देकर उन्हें व्हाट्सएप पर फर्जी एनओसी और सरकारी कागज भेजे गए। ठगों ने कहा कि उनके बैंक खातों से मनी लांड्रिंग हुई है, इसलिए उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” किया जा रहा है और जांच पूरी होने तक वे किसी को कुछ न बताएं। डरे-सहमे त्रिपाठी ने ठगों के बताए खातों में 12.57 लाख रुपये भेज दिए। जब मांग बढ़ती गई तो उन्होंने घरवालों को बताया। परिवार को ठगी का पता चलते ही राजाजीपुरम थाने में शिकायत दी गई। साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगों के खाते में गए ढाई लाख रुपये फ्रीज करवा लिए हैं।
दूसरा मामला: रिटायर्ड रेलवे अधिकारी से 18 लाख की ठगी
दूसरा मामला आलमबाग का है। रिटायर्ड रेलवे अफसर तेज बहादुर सिंह को 9 नवंबर को कॉल आई। कॉलर ने खुद को सूचना विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड से खुलवाए गए फर्जी बैंक खाते में आतंकवादियों से लेन-देन हुआ है। थोड़ी देर बाद एटीएस का लोगो लगाकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसमें वर्दी पहने व्यक्ति ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी।डर के कारण उन्होंने पहले 14 लाख और फिर 4 लाख रुपये भेज दिए। जब शक हुआ और उन्होंने सवाल किए तो कॉल काट दिया गया। बाद में उन्होंने आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई। साइबर पुलिस जांच में जुटी है।
पुलिस की अपील: ऐसे कॉल तुरंत काटें
पुलिस ने कहा है कि ठग फर्जी वर्दी, सरकारी लोगो और आतंकवाद का डर दिखाकर बुजुर्गों को अलग-थलग करने की कोशिश करते हैं। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी विभाग का नाम लेकर पैसे मांगे तो तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में संपर्क करें।