लखनऊ में फर्जी रेंट एग्रीमेंट कांड, थाईलैंड-उज्बेकिस्तान की लड़कियों का खुला राज़,
जानें क्या है मामला
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: लखनऊ में विदेशियों से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि थाईलैंड और उज्बेकिस्तान की कई महिलाओं को भारत में ठहराने के लिए फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार किए गए। इस मामले में एक वकील समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कार्रवाई फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (FRRO) हर्ष सिंह की शिकायत पर हुई है। उन्होंने वकील सत्य प्रकाश श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच में सामने आया कि इन जाली दस्तावेजों की आड़ में विदेशी महिलाएं बिजनेस और टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं और नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां स्पा व अन्य जगहों पर काम करने लगीं।
थाईलैंड और उज्बेकिस्तान की महिलाएं शामिल
FRRO की रिपोर्ट में कहा गया कि थाईलैंड की महिलाएं बिजनेस वीजा पर लखनऊ आईं, लेकिन जांच में वे अलग-अलग स्पा सेंटर में काम करती पाई गईं। यह विदेशी अधिनियम 1946 का सीधा उल्लंघन है। इसी तरह उज्बेकिस्तान की महिलाएं पर्यटक वीजा पर आईं और लखनऊ के ओमेक्स व डीएलएफ सोसाइटी के फ्लैटों में रह रही थीं। संदेह है कि इनमें से एक महिला पर इंटरपोल का लुकआउट नोटिस भी जारी है। पुलिस का मानना है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है, जो भारतीय एजेंटों की मदद से देह व्यापार और वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देता है।
वकील पर फर्जीवाड़े का आरोप
शिकायत में कहा गया कि वकील सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने कई रेंट एग्रीमेंट पर अपनी मोहर और हस्ताक्षर कर फर्जी सत्यापन किया। दस्तावेजों में अलग-अलग नोटरी स्टाम्प और पंजीकरण संख्याएं इस्तेमाल की गईं। कभी 31/48/2008, कभी 31(48)2000 और कभी 3142/2000 नंबर का प्रयोग किया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि पहचान छुपाने और जालसाजी करने की कोशिश की गई।
महिलाएं ब्लैकलिस्ट, जांच जारी
जांच में पकड़ी गई विदेशी महिलाओं को निकास परमिट देकर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। FRRO ने संदिग्ध किराया समझौतों की प्रतियां भी सबूत के तौर पर पुलिस को सौंपी हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या वकील ने अन्य अवैध गतिविधियों के लिए भी ऐसे फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।