लखनऊ-कानपुर हाईवे बंद… भारी वाहनों के लिए लगा बैन,
अब 50 KM घूमकर जाना होगा
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: लखनऊ–कानपुर हाईवे पर भारी वाहनों की मुश्किल बढ़ गई है। नादरगंज से जुनाबगंज के बीच बन रहे 8 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे के कारण पुराना हाईवे अब ट्रक, ट्रेलर और अन्य भारी मालवाहक वाहनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे लखनऊ से कानपुर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को रायबरेली–फतेहपुर–हैदरगढ़ होकर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। नए डायवर्जन से दूरी करीब 50 किलोमीटर बढ़ गई है, जबकि समय दो घंटे ज्यादा लग रहा है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इस वजह से डीजल खर्च 8–10 हजार रुपये तक बढ़ जाता है।
निर्माण कार्य की वजह से भारी वाहनों पर रोक नादरगंज से जुनाबगंज तक 8 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे का काम लगातार तेज गति से चल रहा है। यातायात पुलिस और NHAI अधिकारियों के मुताबिक, इस हिस्से में क्रेन, पोक्लेन मशीन, पाइलिंग रिग और सेंट्रिंग का भारी काम चल रहा है। ऐसे में सुरक्षा को देखते हुए 6 पहिया से ऊपर वाले सभी भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। हल्के वाहन जैसे कार और बाइक अभी चल रहे हैं, लेकिन धूल और जाम के कारण यहां भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रकों को अब लंबा चक्कर लगाना होगा लखनऊ से कानपुर जाने वाले भारी वाहनों को अब नया रूट अपनाना पड़ रहा है। ट्रक ड्राइवरों को कानपुर रोड छौराहा से रायबरेली रोड–फतेहपुर–हैदरगढ़ होते हुए कानपुर हाईवे पर भेजा जा रहा है। कानपुर से लखनऊ आने वाले ट्रक भी उन्नाव और हैदरगढ़ होकर ही शहर में प्रवेश कर रहे हैं। इस बदलाव से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी बढ़ गई है, जिससे यात्रा में दो घंटे अधिक लग रहे हैं।
एक चक्कर में 8-10 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि डायवर्जन के कारण डीजल की खपत काफी बढ़ गई है। एक ट्रिप में ट्रक को 8–10 हजार रुपये तक का अतिरिक्त डीजल खर्च झेलना पड़ रहा है। ट्रक मालिकों का कहना है कि यह खर्च सीधे मालभाड़े पर असर डाल रहा है, जिसका बोझ आगे ग्राहकों पर पड़ सकता है।
कब हटेगी पाबंदी निर्माण क्षेत्र में कई जगह बैरिकेडिंग कर दी गई है और भारी वाहनों को क्रेन से रोककर वापस भेजा जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नादरगंज–जुनाबगंज सेक्शन का काम मार्च–अप्रैल 2026 तक पूरा होने की संभावना है। एलिवेटेड रोड तैयार होने के बाद लखनऊ से कानपुर का सफर मात्र 20–25 मिनट में पूरा हो सकेगा। लेकिन तब तक ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों को लंबा चक्कर और अतिरिक्त खर्च झेलना पड़ेगा।