65 झोपड़ियां जलीं, सिलेंडर बम की तरह फटे,
बस्ती में मची ऐसी चीख--पुकार कि कांप गया इलाका, 2 किमी दूर तक दिखीं लपटें
1 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लखनऊ: धू-धू कर जलती झोपड़ियाँ, दो किलोमीटर दूर से दिखती आग की लपटें और लगातार सिलेंडर में होते धमाके। ये तस्वीर किसी फिल्म के सेट की नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ के कौनसी खेड़ा इलाके की हैं, जहाँ देर रात लगी आग ने लगभग 200 जिंदगियां तबाह कर दीं। लगातार झोपड़ियाँ जलती रहीं, लोग चीखते-चिल्लाते रहे पर कोई फ़ायदा न हुआ। दमकल की गाड़ियों ने खूब मशक्कत की पर नुकसान को नहीं रोक सके। लोगों के दुखों के आलम में बिजली विभाग पर भी आरोप लगे, पर हादसे का दंश बरकरार है।
गर्मी बढ़ने से लगा आग का पता
दरअसल राजधानी लखनऊ के कौनसी खेड़ा में देर रात भीषण आग लग गई, जिसमें देखते ही देखते लगभग 65 झोपड़ियाँ जलकर खाक हो गईं। आग इतनी तेज थी कि लपटें 2 किमी दूर से ही दिख रही थीं और इस बीच लोगों की चीखें और सिलेंडर के धमाकों की आवाज भी दिल दहला देने वाली थी। इस दौरान सिलेंडर और बाइकों के पेट्रोल टैंक फटने से धमाकों से इलाका दहल उठा। आग की लपटें और चीख-पुकार सुनकर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने पहले पानी डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग सब कुछ खाक कर देने पर आमादा थी। जिसके बाद थक हार कर लोगों ने आग को बेकाबू होते देख दमकल को सूचना दी। केसरी खेड़ा झुग्गी बस्ती में रहने वाली मीना के घर में सबसे पहले आग लगी। मीना ने बताया—हम लोग सो रहे थे। अचानक गर्मी बढ़ने से उठ गए। देखा तो झोपड़ी में आग लगी थी। बेटी सोनम, बेटा बबलू और पति को उठाया और बाहर को भागे।
6 घंटे की मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू
घटना की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियाँ लखनऊ की सड़कों पर सायरन बजाते हुए घटनास्थल पर पहुंचीं। गाड़ियों के साथ पहुंचे सरोजनी नगर सीएफओ ने दमकल से पानी की बौछार शुरू कर दी। इसी बीच एसएफओ मंगेश कुमार भी 12 से अधिक दमकल गाड़ियों के साथ मौके पर पहुँचे और इस दौरान दमकलकर्मी लगातार 6 घंटे तक आग से जूझते रहे। जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद आख़िरकार आग पर काबू पा ही लिया गया। एसएफओ मंगेश कुमार ने बताया—झुग्गी-झोपड़ियाँ सुबह तक सुलग रही थीं। सुबह पानी की बौछार कर आग को पूरी तरह काबू में किया गया। आग कनौसी रेलवे फाटक के पास रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी रामबाबू की जमीन पर बनी झुग्गी-झोपड़ियों में लगी थी।
बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप
देर रात तक मची इस तबाही के लिए लोगों ने बिजली विभाग को जिम्मेदार बताया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही से हादसा हुआ है। तीन दिन पहले भी शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी, लेकिन समय रहते बुझा ली गई थी।
मजदूरों की 65 झोपड़ियाँ जलीं
मामले पर जानकारी देते हुए एसएफओ ने बताया—रेलवे ट्रैक से सटी जमीन पर ठेकेदार संजीव गुप्ता (8), अंशु बजाज (15), सुभाष (10), खुशी राम साहू (13), हातिम अली (15), हसमत अली (12) और जलील खान (14) ने झोपड़ियाँ किराए पर ले रखी थीं। इनमें असमिया मजदूरों को रखकर कूड़ा बिनवाने का काम करते थे। एसएफओ मंगेश कुमार ने बताया—कनौसी खेड़ा झुग्गी बस्ती के पास स्थित शशि बाला और एच.आर. वशिष्ठ के मकान भी आग की चपेट में आ गए। घर के सामने लगे टाइल्स टूट गए, बाहर रखा सामान जल गया। इस आग में 65 झोपड़ियाँ जलीं जिससे करीब 200 लोग प्रभावित हुए हैं।