LDA में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, गोमती नगर विस्तार के रिवर व्यू प्रोजेक्ट में नकली,
आवंटन पत्र बनाकर खेला बड़ा खेल
2 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गोमती नगर विस्तार के रिवर व्यू प्रोजेक्ट में कुछ लोगों ने अपर सचिव के जाली हस्ताक्षर कर करोड़ों रुपए कीमत के फ्लैटों के फर्जी आवंटन पत्र तैयार कर लिए। इस मामले में एलडीए के अवर अभियंता (JE) ने पांच नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
व्हाट्सऐप से खुला फर्जीवाड़े का राज मामला तब उजागर हुआ जब गोमती नगर के अलकनंदा अपार्टमेंट निवासी हर्षित गुप्ता ने 3 अक्टूबर को LDA के उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके ही अपार्टमेंट में रहने वाले पीयूष पाठक ने उन्हें वॉट्सऐप पर सतलज, यमुना और कावेरी अपार्टमेंट (रिवर व्यू प्रोजेक्ट) के फ्लैटों के आवंटन पत्र भेजे। जब हर्षित ने इन पत्रों की मूल प्रति मांगी, तो पीयूष ने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद जब प्राधिकरण ने जांच की, तो सारा खेल खुल गया।
जांच में निकला नकली आवंटन का जाल LDA की जांच में पाया गया कि ये सभी आवंटन पत्र पूरी तरह फर्जी हैं। इनमें प्राधिकरण के असली प्रारूप का इस्तेमाल नहीं हुआ था और अपर सचिव के नकली हस्ताक्षर लगाए गए थे। खास बात यह रही कि किसी भी पत्र में फ्लैट नंबर तक नहीं लिखा गया था। जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी पत्रों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी की साजिश रची गई थी।
कई लोगों के नाम आए सामने जांच में यह भी खुलासा हुआ कि फर्जी आवंटन पत्र हमीरपुर के रवि कुमार कश्यप, हर्षित गुप्ता, वरुण कुमार साहू और कानपुर की रिम्पी सिंह को मिले थे। सभी के नाम पर अलग-अलग फ्लैट आवंटित दिखाए गए। इसमें अलकनंदा अपार्टमेंट निवासी पीयूष पाठक की भूमिका सबसे संदिग्ध बताई जा रही है, जिसने इन फर्जी दस्तावेजों को लोगों तक पहुंचाया।
LDA ने पुलिस को सौंपे साक्ष्य LDA अधिकारियों ने पूरी जानकारी पुलिस को सौंपते हुए कहा कि आरोपियों ने “कूटरचित हस्ताक्षर” के जरिए सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी की है। प्राधिकरण ने पुलिस को सभी फर्जी आवंटन पत्रों की छाया प्रतियां साक्ष्य के तौर पर दी हैं। एलडीए ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिवर व्यू प्रोजेक्ट से जुड़े किसी भी वैध आवंटन पर केवल अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के हस्ताक्षर ही मान्य हैं।
बड़ी साजिश के संकेत, और नाम आ सकते हैं सामने सूत्रों का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा कुछ लोगों तक सीमित नहीं है। शक है कि रिवर व्यू प्रोजेक्ट के कई और फ्लैटों में भी इसी तरह का घोटाला किया गया हो। पुलिस जांच आगे बढ़ने पर कई और नाम सामने आ सकते हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि जांच के बाद करोड़ों के इस फर्जीवाड़े की पूरी साजिश उजागर हो जाएगी।