लखनऊ विकास प्राधिकरण में तबादलों का खेल… आदेश के महीनों बाद भी अधिकारी नहीं हुए रिलीव,
सेटिंग-गेटिंग पर उठे सवाल
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विकास प्राधिकरण (LDA) के अंदर तबादलों को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। शासन से ट्रांसफर आदेश जारी हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अधिकारी और अभियंता अब भी अपनी पुरानी कुर्सियों से चिपके हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन तबादलों को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया गया था, फिर भी उन्हें अब तक रिलीव नहीं किया गया। कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिनका तबादला एक साल पहले हुआ, मगर वे अब भी लखनऊ में ही डटे हुए हैं। आरोप है कि जिनके पास जुगाड़ है, वे मलाईदार पदों पर बने हुए हैं, जबकि बाकी अधिकारियों को तुरंत रिलीव कर दिया गया।
तबादला आदेश पर अमल नहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण में तैनात अवर अभियंता संजय कुमार भाटी का स्थानांतरण लखनऊ से चित्रकूट के लिए शासन ने कई महीने पहले किया था, लेकिन आज तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया। यही हाल आशीष कुमार श्रीवास्तव, उस्मान अली खान और सुरेश कुमार का भी है। आशीष का तबादला लखनऊ से कानपुर, उस्मान अली खान का आगरा और सुरेश कुमार का गाजियाबाद किया गया था, मगर उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अब तक इन अभियंताओं को रिलीव नहीं किया है।
एई और अधिशासी अभियंताओं पर भी सवाल सूत्रों के अनुसार, प्राधिकरण में सहायक अभियंता (AE) सतीश कुमार यादव का स्थानांतरण शासन ने 16 जुलाई 2024 को बांदा के लिए किया था, लेकिन वे अब भी लखनऊ में हैं। इसी तरह अधिशासी अभियंता (EE) मनोज कुमार सागर को 13 जून 2025 को मुख्यमंत्री के गृहजनपद गोरखपुर भेजा गया था, मगर वे भी यहीं कार्यरत हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कुछ अधिकारी ही क्यों रिलीव नहीं किए जा रहे।
प्राधिकरण के भीतर ही उठे सवाल एलडीए के अंदर तैनात कर्मचारियों और अभियंताओं में अब खुलकर चर्चा है कि जिनके पास मजबूत सेटिंग-गेटिंग है, वे मलाईदार पदों पर टिके हुए हैं। बाकी अधिकारियों को तुरंत रिलीव कर दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि यह पक्षपातपूर्ण रवैया प्राधिकरण की छवि को धूमिल कर रहा है। शासन के आदेश के बावजूद उपाध्यक्ष की चुप्पी अब जांच का विषय बन गई है।