लीव-इन में रह रहे इंजीनियर की गला रेतकर हत्या, महिला और दो बेटियां गिरफ्तार,
चार साल पुराने रिश्ते का दर्दनाक अंत
2 days ago Written By: संदीप शुक्ला
Uttar Pradesh News: लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह एक ऐसा हत्याकांड सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। सालारगंज गांव के पास शिवम ग्रीन सिटी कॉलोनी में 35 वर्षीय इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह उर्फ सोनू की उसकी लीव-इन पार्टनर 46 वर्षीय रत्ना सिंह और उसकी दो बेटियों ने मिलकर चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। करीब दस–बारह साल से साथ रह रहे इस रिश्ते में पिछले दिनों से तनाव बढ़ गया था, जो सोमवार सुबह खूनी रूप ले बैठा। हत्या की जानकारी मिलते ही डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह, इंस्पेक्टर बीबीडी राम सिंह और कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला और दोनों बेटियों को हिरासत में ले लिया गया है और खून से सना चाकू भी बरामद हुआ।
कैसे शुरू हुआ रिश्ता, कैसे पहुंचा मौत तक मूल रूप से देवरिया निवासी नरेंद्र प्रताप सिंह मैक्स अस्पताल में चालक के पद पर काम करते हैं और जानकीपुरम में रहते हैं। उनका इकलौता बेटा सूर्य प्रताप सिंह आलमबाग स्थित एवरेडी कंपनी में इंजीनियर था। कुछ साल पहले पति की मृत्यु के बाद रत्ना सिंह अपनी दो बेटियों जान्हवी और अनुष्का के साथ जानकीपुरम में रहती थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात सूर्य से हुई। बेटियों को कोचिंग पढ़ाने के बहाने दोनों करीब आए और संबंध इतने मजबूत हुए कि सूर्य अपने परिवार के विरोध के बावजूद रत्ना के साथ रहने लगा। दोनों चार साल से शिवम ग्रीन सिटी कॉलोनी में रह रहे थे।
जिस घर में शुरू हुआ प्यार, वही बना हत्या का मैदान रविवार रात किसी बात पर रत्ना और सूर्य में कहासुनी हुई। मामला इतना बिगड़ा कि सोमवार सुबह फिर विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि गुस्से में रत्ना और उसकी दोनों बेटियों ने मिलकर सूर्य पर धारदार हथियार से कई वार किए और उसका गला काट दिया। कमरे में फर्श और दीवारों पर खून के छींटे देखकर अंदाजा लगता है कि सूर्य ने अपनी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन तीनों के सामने हार गया।
क्या किसी और से बढ़ती नजदीकियों ने भड़काई आग पड़ोसियों और रत्ना के परिचितों का दावा है कि सूर्य हाल के दिनों में बदल गया था और उसकी नजर कहीं और थी, जिसे रत्ना बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। महिला को पेंशन से हर महीने करीब 30 हजार रुपये मिलते थे। घर का खर्च दोनों मिलकर चलाते थे। शक है कि इसी तनाव ने हत्या को जन्म दिया। पुलिस प्रेम संबंध, घरेलू विवाद और बाहरी लोगों की आवाजाही सहित सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
परिवार का दर्द- इकलौता बेटा खोकर टूटा घर सूर्य तीन बहनों में इकलौता भाई था। मां उषा सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता नरेंद्र प्रताप ने बताया कि बेटा कई दिनों से घरवालों की बात नहीं सुन रहा था और किसी भी बात पर नाराज़ हो जाता था। यही जिद आखिरकार उसकी जान ले गई।
खुद महिला ने ग्राम प्रधान को दी हत्या की सूचना ग्राम प्रधान राममनोहर यादव ने बताया कि उन्होंने जब रत्ना से बात की तो उसने सीधा कहा, हां प्रधान जी, मैंने ही कत्ल किया है। यह सुनकर ग्राम प्रधान भी सन्न रह गए। कॉलोनी के लोग बता रहे हैं कि सूर्य दबंग स्वभाव का था और नशे में झगड़ा करता था। घर में अनजान लोगों का आना-जाना भी विवाद की वजह बन सकता है। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है और रत्ना के साथ-साथ उसकी बेटियों से पूछताछ जारी है। यह दर्दनाक घटना प्रेम, शक और क्रोध के खतरनाक रूप की याद दिलाती है।