लखनऊ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर जानलेवा हमला, बोले-
“24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन होगा”
11 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
लखनऊ। राजधानी लखनऊ सोमवार शाम अचानक तनाव के माहौल में तब्दील हो गई, जब शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद पर ठाकुरगंज के कर्बला अब्बास बाग में कुछ लोगों ने ईंट-पत्थर से हमला कर दिया। हमले में मौलाना बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला “जान से मारने की नीयत से किया गया था।” हमले के बाद मौलाना जव्वाद मौके पर ही अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और करीब पांच घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस द्वारा कार्रवाई के आश्वासन और मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया। पुलिस ने उनकी तहरीर पर पंकज, मुजम्मिल, शाजान, रचित टंडन, सिराज, काशान सहित 20-25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
“हमले की प्लानिंग पहले से थी, गाड़ी का शीशा तोड़कर जान से मारना चाहते थे” मौलाना जव्वाद ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में ही हमला हुआ, हमलावर धार्मिक नारे लगा रहे थे और गालियां दे रहे थे। उन्होंने कहा कि “हमले की पूरी प्लानिंग थी। गाड़ी का शीशा तोड़कर हमें चोट पहुंचाने की कोशिश की गई। शुक्र है कि पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर जान बचाई, वरना नतीजा कुछ और होता”।
वक्फ जमीन पर कब्जे का विवाद हमले की जड़ कर्बला अब्बास बाग की 22 बीघा वक्फ संपत्ति मानी जा रही है। मौलाना के अनुसार, इस जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर रखा है और बिना एलडीए (LDA) से नक्शा पास कराए अवैध निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया, “हम कई बार वक्फ बोर्ड, एलडीए और जिलाधिकारी को शिकायत दे चुके हैं। केस की सुनवाई चल रही है, लेकिन प्रशासन बेबस नजर आ रहा है।”
“8 महीने पहले भी हुआ था हमला, तब कार्रवाई होती तो आज यह न होता” मौलाना जव्वाद ने बताया कि यह हमला नया नहीं है। 8 महीने पहले भी इसी स्थान पर उन पर जानलेवा हमला किया गया था। “उस समय पुलिस ने सिर्फ एफआईआर दर्ज कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। अगर तब सख्त कार्रवाई होती, तो आज ये लोग हिम्मत नहीं जुटा पाते,” उन्होंने कहा।
“पुलिस दंगाइयों पर मेहरबान है, सिर्फ FIR से बात नहीं बनेगी” मीडिया से बातचीत में मौलाना ने कहा, “पुलिस दंगाइयों पर मेहरबान है। आठ महीने से आरोपी खुले घूम रहे हैं। अब भी पुलिस सिर्फ एफआईआर दर्ज कर जिम्मेदारी से बच रही है। अगर 24 घंटे में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात की जिम्मेदारी पुलिस की होगी।”
24 घंटे का अल्टीमेटम मौलाना ने चेतावनी दी है कि अगर तय समय में कार्रवाई नहीं हुई, तो शिया उलेमा पूरे शहर में महाआंदोलन छेड़ देंगे। उन्होंने कहा, “पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि धार्मिक नारे लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। अगर 24 घंटे में न्याय नहीं मिला, तो फिर आंदोलन को रोकना किसी के बस में नहीं रहेगा।”
पुलिस और प्रशासन पर उठे सवाल इस घटना ने एक बार फिर लखनऊ पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मौलाना के मुताबिक, जब पुलिस की मौजूदगी में ही हमला हुआ, तो शहर में सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत साफ है। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है, लेकिन शिया समुदाय में इस हमले को लेकर गहरा आक्रोश है।