LDA ने बेच दी मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के डिपो के लिए चिन्हित जमीन,
नई जमीन की तलाश तेज
1 months ago
Written By: State Desk
Lucknow Metro Depot: लखनऊ मेट्रो के बहुप्रतीक्षित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को सार्वजनिक निवेश बोर्ड (PIB) से हरी झंडी मिल गई है। लेकिन इस परियोजना की राह में एक बड़ी अड़चन आ खड़ी हुई है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने डिपो के लिए चिन्हित जमीन को ई-नीलामी में बेच दिया है, जिससे मेट्रो परियोजना के लिए नई जगह की तलाश शुरू करनी पड़ी है।
पहले तय थी वसंतकुंज की जमीन
यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने चारबाग से वसंतकुंज तक बन रहे मेट्रो रूट के लिए वसंतकुंज क्षेत्र में 12 हेक्टेयर जमीन की मांग की थी। छंदोइया गांव (सेक्टर-A) में जमीन चिन्हित की गई थी और मौखिक सहमति भी बन गई थी। लेकिन मेट्रो अधिकारियों की ओर से समय रहते ठोस बातचीत न होने के कारण LDA ने वह जमीन बेच दी।
अब दो नई लोकेशन पर विचार
चिन्हित जमीन बिक जाने के बाद अब अफसरों ने वसंतकुंज योजना के पास और आईआईएम चौराहे के पास दो लोकेशन प्रस्तावित की हैं। मेट्रो प्रशासन को इनमें से किसी एक को चुनना है ताकि डिपो का निर्माण कार्य शुरू हो सके।
डिपो के बिना अधूरी है योजना
बताते चलें कि डिपो किसी भी मेट्रो कॉरिडोर की रीढ़ होता है। ट्रेन के रख-रखाव और संचालन के लिए इसकी आवश्यकता होती है। यदि समय पर डिपो का स्थान तय नहीं हुआ, तो प्रोजेक्ट की टाइमलाइन प्रभावित हो सकती है।
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की खास बातें
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कुल लंबाई: 11.165 किमी
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स्टेशन: 12 (7 भूमिगत, 5 एलिवेटेड)
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भूमिगत रूट: 6.879 किमी
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एलिवेटेड रूट: 4.286 किमी
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कनेक्टिविटी: चारबाग, अमीनाबाद, पांडेय गंज, मेडिकल कॉलेज, चौक आदि
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लागत: ₹5,801 करोड़
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निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य: 23 जून 2026
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लाइन का नाम: ब्लू लाइन
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इंटरचेंज स्टेशन: चारबाग
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
मिली जानकारी के मुताबिक सरफराज गंज में मिट्टी की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। टोपोग्राफी और यूटिलिटी सर्वे भी कराए जा रहे हैं। केंद्र सरकार से बजट की अंतिम मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
क्यों अहम है यह परियोजना?
दरअसल, यह कॉरिडोर पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा। इससे यातायात की भीड़ कम होगी और लोगों को तेज व सुरक्षित परिवहन मिलेगा। लखनऊ मेट्रो के एमडी सुशील कुमार के अनुसार, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को NPG से मिली मंजूरी शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है और इससे लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।