लखनऊ नगर निगम में बड़ा फेरबदल: नगर आयुक्त गौरव कुमार ने 20 से ज्यादा अधिकारियों का किया ट्रांसफर,
मेयर के करीबी भी शामिल
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ नगर निगम में सोमवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिला। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने 20 से अधिक अधिकारियों का अचानक ट्रांसफर कर दिया। इस फैसले की भनक किसी को भी पहले से नहीं लगी थी। ट्रांसफर सूची में मेयर सुषमा खर्कवाल के करीबी माने जाने वाले अधिकारी भी शामिल हैं। लंबे समय से एक ही पद पर जमे कई अधिकारियों को भी हटा दिया गया है। इस कदम ने नगर निगम और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
कार्रवाई बनी शहर में चर्चा का विषय
नगर आयुक्त गौरव कुमार की यह कार्रवाई अब शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग इसे नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुधार और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इस फैसले को मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त के बीच चल रहे विवाद से जोड़कर देख रहे हैं। नगर निगम के एक कर्मचारी नेता ने कहा कि पहली बार इतने बड़े स्तर पर पीसीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं।
काम में लापरवाही बनी वजह
सूत्रों के मुताबिक, टैक्स कलेक्शन में लापरवाही और अन्य कार्यों में उदासीनता के कारण नगर आयुक्त ने कई बार नोटिस जारी किए थे। लगभग हर समीक्षा बैठक में जोनल अधिकारियों, जोनल सेनेटरी ऑफिसर और कर अधीक्षकों को चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद काम में कोई खास सुधार नहीं हुआ। शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं, जिसके बाद नगर आयुक्त ने बड़ा कदम उठाया।
मेयर के खास अधिकारी भी हुए ट्रांसफर
ट्रांसफर सूची में मेयर के करीबी माने जाने वाले अधिकारी भी शामिल हैं। जोन-6 के प्रभारी मनोज कुमार यादव को जोन-3 में कर अधीक्षक और जोनल सेनेटरी ऑफिसर बना दिया गया है। इसी तरह, जोन-8 के अजीत कुमार राय को जोन-7 में भेजा गया है। नगर कर्मचारियों के मुताबिक, ये दोनों मेयर के विश्वासपात्र माने जाते हैं। इसके अलावा जोन-3 में राजेश, जोन-5 में जीतेंद्र गांधी और जोन-8 में भी जीतेंद्र गांधी को नई जिम्मेदारी दी गई है।
ट्रांसफर की जानकारी पर मचा हड़कंप
नगर निगम में ट्रांसफर की जानकारी अचानक लिफाफों के जरिए दी गई। जैसे ही अधिकारियों को यह सूचना मिली, निगम दफ्तर में हड़कंप मच गया। कई अधिकारी और कर्मचारी अपने तबादले रोकवाने के लिए नेताओं और वरिष्ठ अफसरों के चक्कर लगाने लगे। फिलहाल, नगर निगम में इस कार्रवाई पर कोई खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, लेकिन यह फेरबदल प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा संदेश देता है।