लखनऊ में पीड़ित ने कहा- अब जीने का मन नहीं,
समाधान दिवस में रखी इच्छा मृत्यु की मांग
3 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: लखनऊ नगर निगम मुख्यालय में शुक्रवार को समाधान दिवस का आयोजन हुआ, जहां नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार समेत आठ जोन के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे। लेकिन समाधान दिवस उस वक्त भावुक हो गया जब शिकायत लेकर पहुंची एक महिला रोने लगी और एक व्यक्ति ने गुस्से में इच्छा मृत्यु की दरख्वास्त देने की बात कह दी।
पानी के कनेक्शन के लिए मांगी गई 22 हजार की रिश्वत
लालकुआं क्षेत्र की रहने वाली प्रेमा जायसवाल ने बताया कि उनके घर का पाइपलाइन कनेक्शन सड़क से टूट गया था, जिसे मकान बनवाते समय बंद करवा दिया गया था। अब दोबारा पानी की आपूर्ति चालू नहीं हो पा रही है। उन्होंने कई बार नगर निगम को लिखित आवेदन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब उन्होंने बताया कि मौके पर आए एक ठेकेदार ने उनसे 22 हजार रुपये घूस मांगे। ठेकेदार ने कहा कि अगर कनेक्शन चालू कराना है तो पैसे देने होंगे। महिला इस बात को बताते हुए भावुक हो गई और रोने लगी। उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत जलकल जीएम से की है।
सड़क पर फैला नालों का पानी
वहीं बुद्धेश्वर निवासी रामचंद्र चौरसिया ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि उनके मोहल्ले में एक साल पहले नई सड़क बनी थी लेकिन पिछले 15 दिनों से सड़क पर पानी भर गया है। नाले का गंदा पानी सड़क पर वापस आ रहा है। उन्होंने पार्षद से लेकर सांसद तक सभी से शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब इच्छा मृत्यु की दरख्वास्त दूंगा क्योंकि अब जीने की कोई उम्मीद नहीं बची है।
समाधान दिवस में उम्मीद के बीच छाई निराशा
रामचंद्र ने यह भी बताया कि उनसे 20 बोरी मौरंग मांगी गई थी और फिर सड़क सिर्फ डेढ़ इंच की ही बनाई गई। मोहल्ले के कई लोगों ने सड़क पर जानवर पाल रखे हैं, जिससे नाले में गोबर जमा हो गया है और पानी का बहाव रुक गया है। उनके दरवाजे पर दो-दो फीट गोबर जमा है, जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। नगर निगम अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन तो दिया, लेकिन वर्षों से दौड़ते इन लोगों के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। समाधान दिवस उम्मीद लेकर आए लोगों की व्यथा सुनने का जरिया जरूर बना, लेकिन समाधान कब तक होगा, यह सवाल अब भी बना हुआ है।