अपने बेटे की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में जुटे,
लखनऊ के माता-पिता
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ में रहने वाले एक मां-बाप इन दिनों अपने 21 साल के बेटे को बचाने के लिए चारों तरफ से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका बेटा अंश श्रीवास्तव कैंसर की गंभीर स्टेज से जूझ रहा है। डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई खास सुधार नहीं दिखा है। ऐसे में अंश के पिता मनु श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर रूस और दक्षिण कोरिया की सरकारों तक से मदद मांगी है। पिछले कई महीनों से वह हर उस दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं, जहां से उम्मीद की एक किरण भी मिल सके।
रूस से मिली प्रतिक्रिया, पिता को दिखी उम्मीद
मनु श्रीवास्तव ने बताया कि उनके बेटे को स्टेज-4 कैंसर है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि रूस में एक नई वैक्सीन विकसित की गई है, जो कैंसर के इलाज में काफी प्रभावी साबित हो रही है। इसी उम्मीद के सहारे उन्होंने भारत और रूस सरकार को पत्र भेजे। 27 अक्टूबर को रूसी सरकार की ओर से आधिकारिक जवाब आया। पत्र में बताया गया कि उनके अनुरोध को आगे की प्रक्रिया के लिए रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। इस जवाब से परिवार को थोड़ी राहत और उम्मीद मिली।
भारत सरकार का जवाब—वैक्सीन केवल रूस में ट्रायल पर
मनु श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्होंने भारत सरकार को भी पूरी जानकारी के साथ पत्र लिखा। वहां से जवाब मिला कि यह वैक्सीन अभी केवल रूस में ही लागू की जा रही है और उसके ट्रायल स्थानीय लोगों पर ही किए जा रहे हैं। सरकार ने यह भी बताया कि फिलहाल किसी अन्य देश को इस वैक्सीन का ट्रायल या उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई है। यानी अभी अंश के इलाज के लिए इस वैक्सीन तक पहुंचना आसान नहीं है।
रूस की नई वैक्सीन पर दुनिया की नजर
रूसी एजेंसी ‘तास’ की रिपोर्ट के अनुसार, रूस में विकसित यह नई कैंसर वैक्सीन बड़ी उम्मीदों के साथ देखी जा रही है। फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्ट्सोवा ने बताया कि वैक्सीन के प्रीक्लिनिकल ट्रायल सफल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आगे के ट्रायल भी सफल होते हैं, तो यह कैंसर की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। लखनऊ का यह परिवार बस इसी उम्मीद में है कि कभी न कभी कोई रास्ता निकले और उनका बेटा अंश वापस जिंदगी की राह पर लौट सके।