रोड स्वीपर ने 4 साल के बच्चे को कुचला,
ड्रेसिंग रूम में दर्द से तड़पता रहा मासूम; मां फूट-फूटकर रोई, परिजन बोले– इलाज में लापरवाही
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां सड़क साफ करने वाली गाड़ी की चपेट में आकर 4 साल का मासूम गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे का करियर अस्पताल (IIM रोड) में इलाज चल रहा है। जब दैनिक भास्कर की टीम अस्पताल पहुंची तो ड्रेसिंग रूम में एक दर्दनाक दृश्य नजर आया। बच्चा दर्द से कराह रहा था और उसकी चीख सुनकर मां का कलेजा कांप उठा। वह अपने बच्चे की हालत देखने की हिम्मत तक नहीं कर पा रही थी और दुपट्टे से मुंह ढककर रो रही थी। परिवार ने इलाज में लापरवाही और पैसे मांगने के आरोप भी लगाए हैं।
दर्द से कराहता बच्चा, रोती हुई मां—ड्रेसिंग रूम का मर्मांतक सीन ड्रेसिंग रूम में 4 साल का हसनैन दर्द से तड़प रहा था। डॉक्टर और नर्स उसकी ड्रेसिंग कर रहे थे, लेकिन वह लगातार अम्मी-अम्मी पुकार रहा था। यह दृश्य उसके साथ मौजूद मां नाजिनी बर्दाश्त नहीं कर सकीं। उन्होंने अपना चेहरा दुपट्टे से ढक लिया और दूसरी तरफ मुंह फेरकर जोर-जोर से रोने लगीं। उनका कहना था कि बच्चे को तड़पते नहीं देखा जाता, आवाजें कान में गूंजती रहती हैं।
कैसे हुआ हादसा – खाना लेकर अब्बू के पास जाते समय चढ़ गई गाड़ी पीड़ित परिवार ठाकुरगंज के बसंत कुंज इलाके में रहता है। हसनैन के पिता मोहम्मद राजू सब्जी बेचते हैं। 17 नवंबर को हसनैन अपने पिता के लिए खाना लेकर सड़क पार कर रहा था। तभी नगर निगम की सड़क साफ करने वाली गाड़ी अनलोड होकर वापस लौट रही थी। इसी दौरान गाड़ी बच्चे के पैर पर चढ़ गई। दोनों पैरों में गंभीर चोट आई है। 19 नवंबर को एक पैर का ऑपरेशन किया गया और दूसरे की ड्रेसिंग हुई। ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है।
परिवार का आरोप– पहले पैसा जमा करा रहे, फिर इलाज; लापरवाही भी बताई मां नाजिनी ने रोते हुए बताया कि डॉक्टरों को बच्चे का दर्द समझना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सही ढंग का इलाज नहीं किया जा रहा है।
रिश्तेदार अरमान ने भी कहा कि अस्पताल पहले पैसे जमा कराने की बात करता है, उसके बाद ही इलाज शुरू होता है। हालांकि नगर निगम की कार्यदायी संस्था लखनऊ स्वच्छता मिशन (LSA) ने इलाज का खर्च उठाने का भरोसा दिया है। बच्चे के मामा अतीक ने बताया कि LSA द्वारा 40 हजार रुपये जमा कराए गए हैं और दवाइयों के लिए 25 हजार रुपये भी दिए गए हैं। फिलहाल बच्चा धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है।