पहलगाम हमले से जोड़ा नाम, फर्जी इंस्पेक्टर ने रिटायर अधिकारी को FIR का दिखाया डर,
5 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, फिर लूट लिए 50 लाख
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) के रिटायर प्रधान निजी सचिव दिनेश प्रकाश प्रधान को साइबर जालसाजों ने शिकार बना लिया। जालसाजों ने उन्हें 5 दिन तक तथाकथित ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उनके बैंक खातों से कुल 50 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। इस घटना की शिकायत पर पीजीआई थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भेजे फर्जी मुकदमे और वारंट के कागज
यह घटना 18 अगस्त से शुरू हुई, जब दिनेश प्रकाश प्रधान को एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाली महिला ने खुद को इंस्पेक्टर अनीता वर्मा बताया। उसने दावा किया कि कश्मीर के पहलगाम में उनके नाम से मुकदमा दर्ज है और उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आतंकियों को पैसे भेजे गए हैं। भरोसा दिलाने के लिए व्हाट्सएप पर एक फर्जी मुकदमा संख्या और अरेस्ट वारंट की तस्वीर भी भेजी गई। इतना ही नहीं, कॉलर ने धमकी दी कि पुलिस उनके घर गिरफ्तारी के लिए पहुंच रही है।
70 करोड़ का हवाला और दी गई बच्चों की हत्या की धमकी
अगले दिन यानी 19 अगस्त को एक अन्य जालसाज ने खुद को पुलिस अधिकारी दीपक शर्मा बताते हुए फोन किया। उसने कहा कि दिनेश के बैंक खातों से 70 करोड़ रुपये आतंकियों को भेजे गए हैं और इस रकम का 10 प्रतिशत यानी 70 लाख रुपये कमीशन उनके खाते में जमा हुआ है। धमकी दी गई कि अगर यह रकम वापस नहीं की गई, तो एटीएस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और उनके बच्चों की हत्या कर दी जाएगी।
किस तरह खाते से निकले 50 लाख रुपये
डर और दबाव में आकर दिनेश ने जालसाजों के कहने पर पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। 19 अगस्त को उन्होंने एसजीपीजीआई की बैंक ऑफ इंडिया शाखा से भदरक (ओडिशा) की यूको बैंक शाखा में तारामणि इंटरप्राइजेज के खाते में 20 लाख रुपये भेजे। 20 अगस्त को गुंटूर (आंध्र प्रदेश) के इंडसइंड बैंक में बुद्ध योगा हेल्थ फाउंडेशन के खाते में 14 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 22 अगस्त को पांडा की आईसीआईसीआई बैंक शाखा में संजय संतराम सन बोधकर के खाते में 16 लाख रुपये भेजे गए। इस तरह कुल 50 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए।
जांच में जुटी पुलिस
जालसाज 29 अगस्त तक लगातार दिनेश को कॉल कर धमकाते रहे। आखिरकार, उन्होंने हिम्मत जुटाकर पीजीआई थाना पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने अज्ञात जालसाजों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब साइबर सेल और पुलिस की संयुक्त टीम मामले की जांच कर रही है। जिन बैंक खातों में पैसे भेजे गए, उन्हें फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कॉल डिटेल्स और व्हाट्सएप चैट की जांच भी की जा रही है।