Exclusive: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 365 दिनों में 365 योजनाएं,
फिर भी नहीं थम रही वारदातें, आखिर क्यों !
1 months ago Written By: संदीप शुक्ला
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 365 दिनों में 365 योजनाएं बनाई गई हैं। लेकिन राजधानी लखनऊ में यह कवायद अपेक्षित असर नहीं दिखा पा रही है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसक घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। राजधानी में कई सनसनीखेज घटनाओं ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मड़ियांव क्षेत्र की डबल मर्डर घटना आपको बता दें कि बीते चार दिसंबर 2015 को राजधानी लखनऊ के मड़ियांव क्षेत्र के आईआईएम रोड पर करीब एक किलोमीटर के दायरे में तीन अलग-अलग जगहों पर चार पैर और युवतियों के दो धड़ मिले। करिअर डेंटल कॉलेज के पास एक थैले में चार पैर फेंके गए थे। इसके बाद एक किलोमीटर की दूरी पर दो धड़ अलग-अलग स्थानों पर पाए गए, जिनमें से दोनों का सिर गायब था। यहां पुलिस ने शवों की पहचान कराने और कातिलों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन आज तक न तो हत्यारे पकड़े जा सके और न ही शवों की शिनाख्त हो पाई। यह घटना राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करती है।
बंथरा क्षेत्र की हत्या वहीं इसी वर्ष बंथरा क्षेत्र में 20 वर्षीय ब्यूटी पार्लर संचालिका सोनी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना राजधानी में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर लगातार बढ़ते खतरे को दिखाती है।
मोहनलालगंज और जानकीपुरम की भयावह घटनाएं वहीं वर्ष 2014 में मोहनलालगंज क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव के पास प्राथमिक विद्यालय परिसर में एक महिला की हत्या की गई। इस घटना में महिला के साथ दरिंदगी भी हुई। जिसके बाद वर्ष 2015 में जानकीपुरम क्षेत्र से एक छात्रा लापता हुई और उसे पुराने डीजीपी मुख्यालय के नजदीक नाले के पास गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई।
कृष्णानगर और डॉ. राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय वहीं 23 मार्च 2019 को राजधानी के कृष्णानगर क्षेत्र में डॉ. राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की पार्किंग के सामने बेंच पर एक लावारिस बैग में करीब 35 वर्षीय महिला का टुकड़ों में धड़ पाया गया। बैग में महिला के दोनों हाथ-पैर और सिर थे, लेकिन धड़ गायब था। यह घटना राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा की खौफनाक तस्वीर पेश करती है।
वृन्दावन सेक्टर नौ की घटना वहीं दो फरवरी 2015 को वृन्दावन सेक्टर नौ में शहीद पथ के नीचे सर्विस लेन पर एक के कटे दो पैर पाए गए। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो करीब चार सौ मीटर दूर आवास विकास कार्यालय के पास नहर किनारे एक बोरे में युवती का धड़ मिला। इसकी पहचान अमीनाबाद निवासी लॉ की छात्रा गौरी के रूप में हुई। कातिल पकड़े गए, जिसमें अनुज नाम का लड़का जेल गया। लेकिन अदालत की फटकार के बाद अनुज 66 दिन बाद जेल से रिहा हो गया।
महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की कवायद महिला दिवस के पीछे 364 दिन देखकर राजधानी लखनऊ में महिला सुरक्षा की तस्वीर काफी खौफनाक नजर आती है। मोहनलालगंज, अमीनाबाद, हजरतगंज, कृष्णानगर और मड़ियांव तक महिलाओं की निर्मम हत्या की घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया। यहां पुलिस के आलाधिकारियों ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए अनगिनत योजनाएं बनाई, लेकिन हत्यारों और दरिंदों के सामने ये योजनाएं असफल साबित हुईं। कई बार कवायद शुरू की गई, लेकिन चंद दिनों बाद योजनाएं फाइलों में दबकर रह गईं।
बहू-बेटियों पर खतरा जारी वर्तमान में यहां आज भी बहू-बेटियां कहीं न कहीं वहशियों और कातिलों का निशाना बनी हुई हैं। राजधानी लखनऊ पुलिस भले ही महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा को लेकर दावे कर रही है, लेकिन वास्तविक घटनाओं की तस्वीर उनके दावों को झुठला रही है।
पुलिस का नया अभियान इस कड़वी हकीकत के बावजूद, लखनऊ पुलिस ने फिर से कमर कस कर सुरक्षा के मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। अब पुलिस का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ऐसी भयावह घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना है। लेकिन देंखाना अब ये होगा की पुलिस के ये नित नए अभियान क्या सूबे में महिलाओं को सुरक्षित रखने में कारगर साबित होते हैं या फिर आगे भी ये तस्वीर ऐसी ही देंखेने को मिलती है।