बिकरू कांड: मनु पांडेय ने एंटी डकैती कोर्ट में सरेंडर किया,
गिरफ्तारी के बाद जेल भेजा गया
1 months ago Written By: Aniket prajapati
कानपुर के बिकरू कांड की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं। पांच साल पहले हुई इस घटना में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों ने 2 जुलाई 2020 की रात सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद हैं। मनु पांडेय, जो पहले सरकारी गवाह थी और बाद में आरोपी बनाई गई, ने शुक्रवार को एंटी डकैती कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उसके फरार होने के दौरान कुर्की की कार्रवाई भी की थी।
बिकरू कांड की पृष्ठभूमि विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला किया था। मनु पांडेय पर आरोप था कि उसने फोन कर के पुलिस की लोकेशन की जानकारी गैंग को दी। बिकरू कांड की अगली सुबह पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया। मनु के पति शशिकांत पांडेय भी इस कांड में आरोपी हैं और जेल में हैं।
ऑडियो रिकॉर्डिंग और वायरल हुआ मामला कांड के समय कई ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई थीं, जिनमें मनु पांडेय की भूमिका सामने आई थी। इसे लेकर पुलिस पर सवाल उठे कि शुरुआती जांच में उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। बाद में मनु पांडेय फरार हो गई और एंटी डकैती कोर्ट ने 17 जुलाई 2023 को उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
सरेंडर और जेल में भेजा गया शुक्रवार को मनु पांडेय ने अपने वकील के माध्यम से एंटी डकैती कोर्ट में सरेंडर किया। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। चौबेपुर थाना प्रभारी आशीष चौबे ने बताया कि मनु की गिरफ्तारी के प्रयास लगातार किए जा रहे थे और अब उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल में रखा गया है।
जांच और न्याय की प्रक्रिया सरकारी अधिकारी इस कांड की पूरी जांच कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार मामले में अभी कई अन्य पहलुओं की जांच जारी है। कोर्ट में पेश होने के बाद मनु पांडेय पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।