योगी के बयान पर उठी नई बहस: मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा—
“औरंगजेब दयालु थे, अंग्रेजों ने इतिहास तोड़ा-मरोड़ा”
1 months ago Written By: Aniket prajapati
बरेली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान के बाद मुगल शासकों और औरंगजेब को लेकर नई बहस छिड़ गई है। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में मुगल बादशाहों को “क्रूर” और “आक्रांता” बताया था। इस पर बरेली के प्रसिद्ध सुन्नी धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह बयान “तारीखी हकीकत के बिल्कुल खिलाफ” है। मौलाना ने दावा किया कि औरंगजेब और अन्य मुगल बादशाह दयालु, न्यायप्रिय और इंसानियत के पुजारी थे। उनके इस बयान ने इतिहास और राजनीति से जुड़े विवाद को एक बार फिर गर्म कर दिया है।
मौलाना बोले— “मुगल शासकों ने देश को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया” मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि मुगल शासकों ने हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत किया। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने न तो किसी धर्म को नुकसान पहुंचाया और न ही भेदभाव किया। उन्होंने मंदिरों के रखरखाव के लिए जमीन और जायदाद वक्फ की थी।” मौलाना के अनुसार, मुगल साम्राज्य के समय सामाजिक सौहार्द बना रहा और शासन व्यवस्था मजबूत थी।
“अंग्रेजों ने इतिहास को जानबूझकर बिगाड़ा” मौलाना ने यह भी दावा किया कि अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा आसान बनाने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़कर लिखा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने मुगल शासन की छवि खराब की, जिससे आज भी लोगों में गलतफहमियां हैं।उन्होंने कहा, “1857 की लड़ाई में हिंदू-मुस्लिम साथ लड़े थे, लेकिन अंग्रेजों ने ऐसा जहर बोया कि हम आज भी आपस में लड़ रहे हैं। किसी मुगल बादशाह ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कभी लड़ाई नहीं करवाई।”
योगी आदित्यनाथ के रुख के खिलाफ माना जा रहा है बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मुगल शासकों को आक्रांता बताते रहे हैं। ऐसे में मौलाना का यह बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के स्टैंड का विरोध माना जा रहा है।मौलाना बरेली के प्रमुख सुन्नी धर्मगुरुओं में से एक हैं और अक्सर धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। उनका यह बयान इतिहास और राजनीति पर चल रही बहस को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ले आया है।