मेरठ जेल में हड़कंप: मुलाकाती युवकों के बैग से मिले 5 जिंदा कारतूस,
कुख्यात शूटर मीनू टिमकिया से जुड़ाव की आशंका
7 days ago
Written By: Aniket Prajapati
मेरठ जिला कारागार में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब मुलाकात के दौरान जांच टीम को दो युवकों के बैग से 315 बोर के पांच जिंदा कारतूस मिले। पहली नजर में मामला जेल में बंद कुख्यात शूटर मीनू टिमकिया तक कारतूस पहुंचाने की कोशिश जैसा प्रतीत हो रहा है, हालांकि पुलिस अभी हर एंगल से गहराई से जांच कर रही है।
मुलाकात के दौरान तलाशी में खुलासा
नियमानुसार मुलाकात के समय बैगों की जांच चल रही थी, तभी एक युवक के फलों के बैग में कारतूस चमकते दिखाई दिए। सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत युवक को पकड़ लिया और बैरक इंचार्ज को सूचना दी। थोड़ी ही देर में जेल प्रशासन ने दोनों युवकों—परमेंद्र जाट और सुदेश यादव—को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
मीनू भदौड़ा गैंग का सक्रिय शूटर
प्रारंभिक पूछताछ में दोनों युवकों ने बताया कि वे जेल में बंद नवनीत उर्फ मीनू टिमकिया से मिलने आए थे। मीनू भदौड़ा गैंग का सक्रिय शूटर है, जिसे हाल ही में गैर-जमानती वारंट के तहत जेल भेजा गया था। अधिकारियों को शक है कि कारतूस किसी खास उद्देश्य से मीनू तक पहुंचाए जाने थे। हालांकि पुलिस इस संभावना की भी जांच कर रही है कि शायद कारतूस पहले से बैग में थे और युवकों को इसकी जानकारी नहीं थी।
जेल में चला बड़ा तलाशी अभियान
घटना की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन ने सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी सहित पुलिस टीम को बुलाया। इसके बाद जेल के अंदर और बाहर कई घंटे तक सघन तलाशी अभियान चलाया गया। बैरकों से लेकर खुले क्षेत्रों तक हर जगह छानबीन हुई, हालांकि कोई अतिरिक्त संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
मीनू टिमकिया की बैरक बदली, निगरानी बढ़ी
सुरक्षा को और मजबूत करते हुए जेल प्रशासन ने मीनू टिमकिया की बैरक तत्काल बदल दी है। अब उस पर हर मिनट निगरानी रखी जा रही है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या यह पूरा खेल मीनू ने खुद रचा था या फिर किसी विरोधी गैंग ने उसे फंसाने के लिए यह साजिश रची।
CCTV फुटेज और मोबाइल डिटेल खंगाले जा रहे
जेल रोड पर लगे सभी CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि पता चल सके कि मुलाकात से पहले परमेंद्र और सुदेश किससे मिले थे या किसके संपर्क में थे। मेडिकल थाने में कारतूस बरामदगी का केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस दोनों युवकों के मोबाइल की डिटेल भी खंगाल रही है।
जेल की सुरक्षा और कड़ी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने कहा कि घटना के बाद जेल की आंतरिक सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। मुलाकातियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सख्त किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश न रहे।