US tariff War: अमेरिका के 50% टैरिफ से संकट में मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री,
करोड़ों का माल अटका… नए ऑर्डर भी रुके
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मेरठ की स्पोर्ट्स सिटी, जो देश-विदेश में खेल सामग्रियों के बड़े निर्यातक के रूप में जानी जाती है, आज एक बड़े संकट से जूझ रही है। यहां बने बैट, बॉल, किट और फिटनेस उपकरण न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी निर्यात किए जाते हैं। लेकिन हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत निर्मित प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला मेरठ की इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय बन गया है। इससे हर साल करोड़ों रुपये का एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। अमेरिका मेरठ के प्रोडक्ट्स की सबसे बड़ी मार्केट है, और टैरिफ बढ़ने से न सिर्फ पुराने ऑर्डर रुक गए हैं, बल्कि नए ऑर्डर भी नहीं मिल पा रहे हैं।
व्यापारियों की चिंता और बातचीत
वहीं इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बातचीत में मेरठ सूरजकुंड स्पोर्ट्स गुड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल ने बताया कि मेरठ से करीब 160 से अधिक निर्यातक दुनियाभर में स्पोर्ट्स सामान सप्लाई करते हैं, जिनमें से 60 निर्यातक अमेरिका को भी सामान भेजते हैं। लेकिन ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ की वजह से कई पुराने ऑर्डर होल्ड पर डाल दिए गए हैं। व्यापारी अब नए ऑर्डर भी बुक नहीं कर रहे हैं। सिंघल ने कहा कि यह टैरिफ बहुत ज्यादा है और फिलहाल इस पर विभिन्न बिंदुओं पर मंथन चल रहा है।
अमेरिका के व्यापारी भी प्रभावित
सिंघल ने यह भी बताया कि इस फैसले से सिर्फ भारतीय कारोबारी ही नहीं, बल्कि अमेरिकी व्यापारी भी परेशान हैं। अब तक वे मेरठ से प्रीमियम क्वालिटी का स्पोर्ट्स सामान खरीदकर अपने देश में बेचते थे, लेकिन 50% टैरिफ के कारण वहां का सामान भी महंगा हो जाएगा। इसका सीधा असर मांग और सप्लाई दोनों पर पड़ेगा।
करोड़ों का संभावित नुकसान
मेरठ की इंडस्ट्री को इस फैसले से लगभग 80 से 100 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो यह नुकसान और बढ़ सकता है। अमेरिका को मेरठ से फिटनेस उपकरण, हॉकी स्टिक, शॉट पुट, डिस्कस और अन्य स्पोर्ट्स सामग्री बड़ी मात्रा में भेजी जाती है। मेरठ हमेशा से अपनी क्वालिटी के लिए मशहूर रहा है, लेकिन टैरिफ की यह बाधा उसके वैश्विक बाजार को झटका दे सकती है।