मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार:
सीएम मोहन यादव मंत्रियों का करेंगे खुद मूल्यांकन
1 months ago Written By: Aniket prajapati
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1 दिसंबर से सभी मंत्रियों को अपने पिछले दो साल के काम का प्रेजेंटेशन खुद देने का निर्देश दिया है। इस दौरान विभागीय अफसर नहीं बल्कि मंत्री सीधे सीएम के सामने अपनी उपलब्धियों और विभागीय कार्यों का ब्योरा पेश करेंगे। सूत्रों के अनुसार यह कवायद सिर्फ काम देखने के लिए नहीं, बल्कि मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल का आधार भी बनेगी। दिसंबर का महीना मोहन सरकार के लिए इसलिए बेहद अहम माना जा रहा है।
मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड और प्रेजेंटेशन का विवरण 13 दिसंबर को मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर सीएम यह जानना चाहते हैं कि किन मंत्रियों ने कितना और कैसा काम किया। प्रेजेंटेशन एक हफ्ते तक चलेंगे और विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 से 5 दिसंबर तक है, इसलिए मंत्रियों का शेड्यूल सीएम की उपलब्धता के अनुसार तय किया जाएगा।सूत्रों के मुताबिक, सीएम सचिवालय और भाजपा संगठन दोनों स्तरों पर हर मंत्री का परफॉर्मेंस रिपोर्ट पहले से तैयार है। 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के मौके पर ही सीएम ने संकेत दे दिया था कि मंत्रिमंडल में बदलाव संभव हैं।
मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति अभी तक मोहन सरकार में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है। एक अपवाद के रूप में कांग्रेस के छह बार के विधायक रामनिवास रावत अप्रैल 2024 में भाजपा में आए और जुलाई में मंत्री बने, लेकिन विजयपुर उपचुनाव हारने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वर्तमान में मंत्रिमंडल में 31 मंत्री हैं, जबकि मध्य प्रदेश में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं। यानी अभी चार और मंत्रियों की जगह खाली है।
अमित शाह के दौरे और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 18 दिसंबर के आसपास मध्य प्रदेश बुलाया गया है। इस दौरान 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का सामूहिक शिलान्यास किया जाएगा। सीएम चाहते हैं कि इससे पहले सरकार का कामकाज पूरी तरह दुरुस्त दिखे और कमजोर कड़ी को बाहर कर नई टीम तैयार हो। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिन मंत्रियों का काम संतोषजनक नहीं रहा, उन्हें हटाया जा सकता है। वहीं कुछ नए चेहरों को मौका मिलेगा और कुछ पुराने दिग्गजों की वापसी भी हो सकती है। कुल मिलाकर दिसंबर का महीना मोहन सरकार के लिए मंत्रिमंडल विस्तार और सियासी रणनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।