मुस्लिम महिलाओं को गैर-महरम मर्द से मेहंदी लगवाने की इजाजत नहीः कारी इसहाक गोरा,
मेहंदी पर भी मजहबी फरमान
3 days ago
Written By: State Desk
लखनऊ: देवबंद के वरिष्ठ उलेमा और जमीयत दावातुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं का बाजारों में जाकर गैर-महरम (अजनबी) मर्दों से मेंहदी लगवाना इस्लाम की शरीयत के खिलाफ है और इसे तुरंत रोकने की ज़रूरत है।
गैर-महरम मर्द को हाथ छुने की इजाजत नहीं
क़ारी गोरा ने कहा कि इस्लाम में पर्दा और नामहरम से परहेज़ को बहुत अहमियत है। किसी भी गैर-महरम मर्द को यह इजाज़त नहीं है कि वह किसी मुस्लिम महिला के हाथ को छुए, चाहे वह किसी भी मकसद से हो – चाहे मेंहदी लगाना हो या चूड़ी पहनाना। उन्होंने कहा कि आजकल यह चलन आम होता जा रहा है कि महिलाएं सजने-संवरने के नाम पर बाज़ारों में जाकर ऐसे लोगों से मेंहदी लगवाती हैं, जो शरीयत की रोशनी में सरासर गलत है।
फतवा इस्लाम के मूल सिद्धांत पर आधारित
मौलाना ने इस सिलसिले में दारुल उलूम देवबंद के फतवे का हवाला भी दिया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी मुस्लिम महिला को गैर-महरम पुरुष से मेंहदी लगवाना और चूड़ी पहनना मना (हराम) है। उन्होंने कहा कि यह फतवा इस्लाम के उस मूल सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें महिलाओं को परदे का हुक्म और गैर-महरम से दूरी बरतने की सख्त ताकीद की गई है। उन्होंने समाज के सभी लोगों से खासतौर पर महिलाओं से अपील की कि वो इस्लामी शिक्षाओं और फतवों का सम्मान करें और अपनी ज़िंदगी में शरीयत के निर्देशों को लागू करें। उन्होंने कहा कि रिवायतों और फैशन की आड़ में शरीयत के खिलाफ जाना दीनदारी नहीं, बल्कि बेपरवाही है।