नोएडा में 100 करोड़ से ज्यादा का पकड़ा गया लोन फ्रॉड,
एसटीएफ ने किए 8 आरोपी गिरफ्तार
6 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: नोएडा से एक बड़ा बैंक फ्रॉड मामला सामने आया है, जिसने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई बैंकों को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा था। जांच में सामने आया कि यह गैंग 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन फ्रॉड कर चुका है। गैंग के सदस्य फर्जी आधार, पैन और पहचान पत्र बनाकर होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य तरह की फंडिंग लेते थे। लोन पास होने के बाद सभी आरोपी फरार हो जाते थे। मामले में कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
गिरोह का खुलासा, 8 आरोपी गिरफ्तार नोएडा एसटीएफ में तैनात अधिकारियों ने बताया कि गैंग लंबे समय से सक्रिय था। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी के खिलाफ सूरजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि गैंग ने अब तक कम से कम 10 बैंकों को करीब 100 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। गैंग की ठगी का तरीका बेहद संगठित था। ये लोग अलग-अलग नामों से फर्जी प्रोफाइल तैयार करते थे और उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों में लोन लेते थे। लोन पास होते ही आरोपी रकम निकालकर तुरंत गायब हो जाते थे।
इंटर-स्टेट नेटवर्क, कई राज्यों में फैला जाल एसटीएफ की जांच में पता चला कि इस गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हैं। आरोपी चंडीगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली और यूपी के कई बिल्डरों एवं प्रॉपर्टी डीलरों के साथ मिलकर फर्जी फंडिंग कर रहे थे। जांच अधिकारी एडिशनल एसपी राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि गैंग फर्जी पहचान बनाकर बड़े बिल्डरों को भी फंडिंग मुहैया कराता था, जिसकी पूरी जांच चल रही है।
200 संदिग्ध बैंक खाते और भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और डिजिटल सामग्री बरामद की गई है। जब्त सामान में शामिल हैं।
126 पासबुक और चेकबुक
170 डेबिट कार्ड
45 आधार कार्ड
27 पैन कार्ड
15 आईडी कार्ड
5 वोटर आईडी कार्ड
26 मोबाइल फोन
3 लैपटॉप
3 गाड़ियां
सैकड़ों लोगों के होम और पर्सनल लोन दस्तावेज व रजिस्ट्री पेपर
एसटीएफ को जांच के दौरान 200 संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनका इस्तेमाल ठगी में किया जा रहा था।
कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, जांच जारी पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि बैंक के कुछ कर्मचारी भी इस सिंडिकेट को मदद कर रहे थे। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे किसके निर्देश पर फर्जी प्रोफाइल को मंजूरी दे रहे थे। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और संभव है कि इंटर-स्टेट टीम भी गठित की जाए। यह गिरोह बैंकिंग सिस्टम को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा था। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।