बेनकाब होंगे डिफॉल्टर्स, नोएडा अथॉरिटी ने वेबसाइट पर डालने का दिया आदेश,
353 करोड़ की रिकवरी की तैयारी
3 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: नोएडा में प्रॉपर्टी डिफॉल्टर्स पर सख्ती दिखाते हुए नोएडा अथॉरिटी ने बड़ा फैसला लिया है। अथॉरिटी ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि उद्योग, ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल और संस्थागत सेक्टर्स के डिफॉल्टर्स की लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाए। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता लाना और लंबे समय से बकाया रकम वसूल करना है। सीईओ लोकेश एम ने बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में वरिष्ठ अधिकारी और विभाग प्रमुख मौजूद थे।
डिफॉल्टर्स की लिस्ट होगी नियमित अपडेट
अधिकारियों ने बताया कि जून 2023 में 115 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स वेबसाइट पर डाली गई थीं। इनमें ज्यादातर डिफॉल्टर्स थे, लेकिन उस लिस्ट को बाद में अपडेट नहीं किया गया। अब सख्त निर्देश दिए गए हैं कि डिफॉल्टर्स को नोटिस भेजे जाएं और उनकी लिस्ट नियमित रूप से अपडेट की जाए।
बड़े डिफॉल्टर्स के खिलाफ सख्त कदम
सीईओ ने कहा कि बड़े और पुराने डिफॉल्टर्स के खिलाफ बिना देरी के रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किए जाएं। गुरुवार को तीन ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर कार्रवाई शुरू की गई है, जिन पर 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। इस संबंध में गौतम बुद्ध नगर के जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर रकम वसूलने के आदेश दिए गए।
किन बिल्डर्स पर हुई कार्रवाई
महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड पर सख्त कार्रवाई की गई। इन कंपनियों ने बार-बार नोटिस मिलने के बावजूद बकाया नहीं चुकाया। सरकार ने 21 दिसंबर 2023 को कोविड-19 के दो साल को ‘जीरो पीरियड’ मानकर राहत दी थी और 25% रकम जमा करने की शर्त रखी थी। लेकिन बिल्डर्स ने इसका पालन नहीं किया। 31 अगस्त 2025 तक महागुन के सेक्टर 78 प्रोजेक्ट का बकाया 117 करोड़ रुपये और प्रतीक रियल्टर्स के सेक्टर 77 व सेक्टर 120 प्रोजेक्ट्स का बकाया क्रमशः 162 करोड़ और 74 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर जिला प्रशासन से 353 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं।
सबसे ज्यादा बकाया ग्रुप हाउसिंग पर
नोएडा अथॉरिटी को सबसे ज्यादा बकाया ग्रुप हाउसिंग डेवलपर्स से है। इनके बाद कमर्शियल, संस्थागत और इंडस्ट्रियल सेक्टर आते हैं। कई बिल्डर्स ने किराया, प्रीमियम और ब्याज नहीं चुकाया, जिससे प्रोजेक्ट्स अधर में अटक गए और होमबायर्स परेशान हुए।
अन्य फैसले भी हुए
सीईओ ने प्रॉपर्टी आवंटन योजनाओं को जल्द पूरा करने और इस महीने में आवंटन पत्र जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रहरी सॉफ्टवेयर के जरिए टेंडर प्रक्रिया तेज करने और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन को कड़ाई से लागू करने का आदेश भी दिया गया।